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शिक्षा मंत्री का तलख,करोड़ों लेकर तबादला-पोस्टिंग करने वाले अफसरों पर एफआईआर,प्रमोशन के बाद पदस्थापना संशोधन होगा रद्द।

ब्यूरो रिपोर्ट जाज्वल्य न्यूज़ ।

करोड़ों लेकर शिक्षकों का तबादला और पोस्टिंग करने वाले अफसरों पर अब एफआईआर होगी। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शीर्ष अधिकारियों संग बैठक में शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे द्वारा ये निर्देश दिए गए हैं।

ना केवल दोषी अधिकारियों पर एफआईआर की तैयारी है, बल्कि शिक्षकों की तबादला सूची भी निरस्त की जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इन शिक्षकों द्वारा पैसे देकर अपनी मनचाही जगहों पर तबादला करवाया गया था। हालांकि शिक्षकों को प्रदान की गई पदोन्नति पर इसका कोई असर नहीं होगा। उनकी पदोन्न्ति बरकरार रहेगी, लेकिन जिस जगह पर पदोन्नति के बाद तबादला किया गया था, वहां उन्हें नियुक्ति नहीं मिलेगी। पुरानी सूची निरस्त होने के बाद नए सिरे से नियुक्ति सूची जारी होगी।

 

मंत्री द्वारा अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाने के बाद लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जल्द ही इस संदर्भ में आदेश जारी किए जाने की तैयारी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बैठक में पूरे मामले की विस्तृत जानकारी शिक्षा मंत्री द्वारा ली गई। इनमें अफसरों की संलिप्तता से लेकर शिक्षकों के तबादले का ब्यौरा भी शिक्षा मंत्री ने मांगा। सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला, सचिव एस.भारतीदासन सहित डीपीआई व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

 

1366 शिक्षकों की प्रमोशन संशोधन गलत।

 

सभी संभाग मिलकार 1366 शिक्षकों की पदोन्नति व तबादले को जांच में नियमविरूद्ध पाया गया था। जांच के आधार पर 10 अफसरों को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया था। इनमें लोक शिक्षण संचालनालय के संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सहित कई अन्य बड़े नाम शामिल हैं। निलंबन अवधि तक सभी अधिकारियों और प्राचार्य को लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर में अटैच किया गया है। इनमें रायपुर संभाग के संयुक्त संचालक के. कुमार, बिलासपुर के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद, सरगुजा जेडी हेमंत उपाध्याय और दुर्ग के संयुक्त संचालक जीएस मरकाम शामिल हैं।

 

22 हजार की काउंसिलिंग

 

शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रदेशभर के 22 हजार शिक्षकों को पदोन्नति और पदास्थापना का आदेश जारी हुआ था। इसके माध्यम से शिक्षकों की अनियमितता को दूर कर जहां शिक्षकों की कमी है वहां उनकी नियुक्ति की जानी थी। ओवरफ्लो वाले स्कूलों से शिक्षकों को हटाया जाना था। लेकिन पैसे लेकर तबादले किए जाने के कारण शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में ओवरफ्लों की स्थिति बरकरार है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी जस की तस है। शिक्षकों की काउंसिलिंग संभागवार हुई थी, जहां से उन्हें मनचाही जगहों पर पैसे लेकर स्थानांतरित किया गया।

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