मनरेगा कर्मचारियों के लिए एच आर पालिसी बनाते हुए उसकी पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति और अनुदान राशि 10 लाख करने की उठी मांग।
4 अगस्त 2024 मनरेगा योजना में कार्यरत जनपद पंचायत कोंटा के तकनीकी सहायक जयराम पोयाम की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। प्राप्त जानकारी अनुसार स्व जयराम पोयाम प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण कार्य में अधिक दबाव के कारण शनिवार अवकाश के दिन कोन्टा ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 120 किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश के सीमा से लगे ग्राम गंगलेर, गोलापल्ली का आवास निरीक्षण कर वापस आ रहे थे। वापसी के दौरान दुर्घनाग्रस्त हो गए। जिससे जयराम पोयाम के सर में गहरा चोट आया। उसे वहां के स्थानीय लोंगो द्वारा भ्रद्रचलम हास्पिटल ले जाते समय रास्ते मे ही निधन हो गया। मृतक का एक 5 वर्ष का बच्चा है पत्नी फिर से गर्भवती है। यह खबर फैलते ही प्रदेशभर में मनरेगा कर्मचारियों में घटना के प्रति दुख तो सिस्टम के प्रति क्रोध की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
जिले में भी मनरेगा कर्मचारियों ने अपने बीच के एक होनहार साथी को खो जाने पर संवेदना देखी जा रही है । छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि मनरेगा कर्मचारियों पर मनरेगा योजना के अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना सहित पंचायत विभाग के निर्माण का बोझ बड़ गया है किंतु मनरेगा योजना के 18 साल होने के बाद भी कर्मचारियों के लिए मानव संसाधन नीति नहीं बनाई गई है। मृत्यु हो जाने पर शासन अनुदान राशि के रूप में मात्र 1 लाख रुपए देने का प्रावधान की है जो 12 वर्ष पुराना शासन का निर्धारण राशि है किंतु वह भी मनरेगा में किसी जिले में मिलता है तो किसी जिले में नहीं मिलता । विगत वर्षो में एवं कोरोना काल में सैकड़ों की संख्या में मनरेगा के कर्मी शहीद हुए है, किंतु उनके परिवार के सामाजिक सुरक्षा का कोई उपाय नहीं किया गया है, परिवार वालों को आज भी न्याय का इन्तजार है। सरकार को मनरेगा कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील पूर्वक विचार करते हुए मृतक की पत्नी को अनुकंपा नौकरी देने के साथ 10 लाख अनुदान राशि दी जानी चाहिए। समस्त मनरेगा कर्मचारियों के लिए एक बेहतर मानव संसाधन नीति लागू किया जाना चाहिए।
सोसल मीडिया में वायरल हुआ मैसेज
छत्तीसगढ़ में मनरेगा हमारे जान की कीमत 1 लाख रुपए है साहब।
12 साल पहले शासन ने किया था अनुदान राशि
इन 12 सालों में विधायक के वेतन कितनी बार और कितने प्रतिशत बड़ गए।सांसद निधि, विधायक निधि, जिला _जनपद पंचायत निधि बड़ गई।सांसद और पंचायत के जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते बड़ गए।रेगुलर कर्मचारियों के वेतन/ इंक्रीमेंट अन्य भत्ते बढ़ गए।क्या करें, कहां बोले, कौन सुनता है, _ आंदोलन करो तो _ जनविरोधी राष्ट्र विरोधी का तमगा लगा देते है।