सूर्यांश मेला में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं विधानसभा अध्यक्ष सहित सांसद विधायक व जनप्रतिनिधि करेंगे शिरकत।
जांजगीर-चांपा::जाज्वल्य न्यूज़::तीन दिवसीय सूर्यांश शिक्षा महामहोत्सव की तैयारियां जोरों पर है। महामहोत्सव में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत एवं राज्यपाल महामहिम अनुसुइया उइके सहित एवं मंत्रिमंडल के सदस्यों एवं केंद्रीय मंत्रियों ने महामहोत्सव में सम्मिलित होने की सहमति प्रदान किया है। प्रोटोकॉल जारी होते ही कार्यक्रम का पूर्णतः निर्धारण हो जाएगा। महामहोत्सव स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए उड़ीसा सहित कई राज्यों के कलाकारों आए हुए। महामहोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा होने की संभावना है।
तीन दिवसीय सूर्यांश शिक्षा महामहोत्सव में विविध प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें प्रथम दिवस महा महोत्सव के शुभारंभ में पंच परमेश्वरों की चरण पादुका रज के साथ सूर्यांश संस्कार बाइक रैली के सिवनी पहुंचने के साथ होगा। इसके पश्चात विस्तृत कैरियर मार्गदर्शन एवं छत्तीसगढ़ी संस्कृति पर आधारित नृत्य, गायन एवं वादन सहित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण होता है। द्वितीय दिवस जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों के द्वारा कैरियर मार्गदर्शन, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, प्रतिभा सम्मान, युवक युवती परिचय सम्मेलन एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
महामहोत्सव के अंतिम दिवस 26 दिसंबर को समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से विशाल संस्कार यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष संस्कार यात्रा का आयोजन “सूर्यांश धाम खोखरा” से महा महोत्सव स्थल “सूर्यांश विद्यापीठ सिवनी” तक किया जाएगा जिसमें समाज में शिक्षा का अलख जगाने वाले पंच परमेश्वरों की झांकी सात सफेद घोड़ों पर आरूढ़ होकर “शोभायात्रा एवं संस्कार यात्रा” निकलता है। महामहोत्सव स्थल पर समाज के वंचित एवं जरूरतमंद परिवार के युवक-युवतियों का सामूहिक विवाह भी कराया जाता है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए प्रो. गोवर्धन सूर्यवंशी ने बताया कि 24, 25 एवं 26 दिसंबर को आयोजित महामहोत्सव में मेला स्थल पर विभिन्न स्टालों के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा के नवाचारी गतिविधियों से अवगत कराया जाता है एवं शासन की योजनाओं को प्रदर्शित करने वाले स्टालों के साथ स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्टाल लगाया जाता है जिसका लाभ महा महोत्सव में आये ग्रामीण जन ले पाते हैं।