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प्रत्याशी पैनल बनाने में हुआ भारी विरोध शीर्ष नेता के दबाव में 3 नाम के बजाय 6 नाम भेजने की बनी सहमति,3 नामो में आसानी तो 3नामो में भारी विरोध की खबर…..

ब्यूरो रिपोर्ट जाज्वल्य न्यूज़ जांजगीर चांपा।

जांजगीर-चांपा : प्रदेश के सबसे हाईप्रोफाइल जांजगीर चांपा सीट लगातार एक ही चेहरा को प्रत्याशी बनाए जाने पर लगातार विरोध हो रहा है जिसमे एक सुर से आम जनों से लेकर पार्टी में भी विरोध देखा जा रहा है आम लोगो द्वारा सक्रिय और नए चेहरे की मांग के अनुसार नए प्रत्याशी को मौका मिलने की आसार है, या फिर पुराने चेहरे पर ही कांग्रेस दांव खेलेगी,यह दिलचस्प सवाल लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल है। सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है, जिसके मुताबिक, डीसीसी की बैठक में पुराने तीन नामों पर सहमति नहीं बन सकी। इन नामों को लेकर कुछ लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई। हालांकि शीर्ष नेताओं के दबाव पूर्वक निर्देश पर उनके नाम पैनल में शामिल करने की खबर है,तो वहीं डीसीसी ने रायसुमारी के बाद तीन नामों का पैनल तैयार किया था,जिसमें नए चेहरे होने की बात कही जा रही है।हालांकि इन बातों में सच्चाई कितनी है, ये तो नहीं पता,लेकिन इस बार इस सीट से नए चेहरे को मौका दिए जाने की सुगबुगाहट जोरों पर है।

बता दें कि कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव में 75 प्लस का लक्ष्य लेकर चुनावी महासंग्राम में उतर रही है। इस लिहाज से प्रत्याशी चयन के लिए इस बार कांग्रेस ने नया फार्मूला तैयार किया है, जिसके मुताबिक ब्लाक कांग्रेस में आवेदन के बाद डीसीसी को तीन नामों का पैनल बनाकर भेजना है, जिसकी अंतिम तिथि 29 अगस्त है। इधर, पैनल तैयार करने से पहले डीसीसी की बैठक जांजगीर में हुई, जिसमें नामों का पैनल तैयार किया गया है। सूत्रों का कहना है कि पैनल तैयार करने से पहले हुई डीसीसी की बैठक में पुराने तीन नामों को लेकर कांग्रेसजन सहमत नहीं हुए। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इन नामों को लेकर काफी हल्ला भी हुआ। बताया जाता है शीर्ष नेताओं के निर्देश पर बाद में इन नामों को पैनल में शामिल किया गया। सूत्रों का कहना है कि डीसीसी ने रायसुमारी करके तीन लोगों का पैनल तैयार किया है, जिसमें सभी नए चेहरे है। इन चेहरों में जांजगीर और चांपा से चेहरा होने की बात भी कही जा रही है। हालांकि इन बातों की पुष्टि हम नहीं करते। लेकिन इस तरह की चर्चा जोरों पर है।

नए चहरे की मांग जोरों पर

बता दें कि कांग्रेस के तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम जब जांजगीर में कांग्रेसजनों की बैठक लेने आए थे तो उस समय भी नए चेहरे की मांग कांग्रेसजनों ने पुरजोर की थी। वहीं दूसरी ओर, वर्ष 1998 से 2018 तक कांग्रेस एक ही चेहरे को यहां से बार-बार अपना उम्मीदवार बना रही है, जिससे आमजन भी पूरी तरह उब गए हैं। जनता भी चाहती है कि किसी नए व योग्य उम्मीदवार को मौका दे, जो लोगों की दुख दर्द को समझते हुए सदैव उनकी सेवा में तत्पर रहे। इन सबके बावजूद भी यदि प्रत्याशी चयन में कांग्रेस जरा सी भी चूक करती है तो उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

सबसे ज्यादा विवाद कांग्रेसी कार्यकर्ता में पैनल बनाते समय पुराने चेहरे जिसमें दलबदल,बाहरी और एक ही चहरा को लगातार मौका मिलने वाले के पर जोरो से विरोध हुआ और एक और में इन तीनों को मौका नहीं देने की बात बनी लेकिन आखिरकार बड़े नेता की दखल देने के बाद इन विवाद भरे चेहरे को पैनल में जोड़ दिया गया है, यदि पुराने,दलबदल,या बाहरी चेहरे पर हाई कमान विचार कर टिकट देगी तो यह कांग्रेसी कार्यकर्ता को एकजुट करने में काफी मुश्किल होगा और जांजगीर चांपा विधानसभा कांग्रेस पार्टी के हाथों से फिसल सकता है देखने वाली बात यह होगी कि सारे नियम कायदे को दरकिनार कर आखिरकार डीडीसी किस तरह के पैनल फाइनल कर भेजती है।

पैनल भेजने की नियमावली में साफ-साफ निर्देशित किया गया था कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सहित 21 पदाधिकारी द्वारा पांच उम्मीदवार का नाम डीडीसी को भेजने थे और डीडीसी अध्यक्ष सहित 31 पदाधिकारी द्वारा पीसीसी को तीन चेहरे पर मुहर लगाकर भेजने का था लेकिन 3 के जगह बड़े नेताओं की दखल देने के बाद 6 का पैनल बनने की बात इस समय चर्चा का विरोध का विषय बना हुआ है।

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