सिविल सर्जन के खिलाफ डॉक्टरों और स्टाफ का विरोध, ओपीडी सेवाएं ठप सरकारी लाभ से मरीज वंचित,,

जांजगीर-चांपा जिला अस्पताल में मंगलवार को डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया। यह विरोध सिविल सर्जन दीपक जायसवाल की कथित मनमानी और महिला स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ किया गया। डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों ने सिविल सर्जन को तत्काल हटाने की मांग की और इस संबंध में कलेक्टर, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा।
डॉक्टरों की मांग सिविल सर्जन पर हो कार्रवाई
जिला अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ का कहना है कि सिविल सर्जन का व्यवहार अमानवीय और तानाशाहीपूर्ण है। एक सप्ताह पूर्व उन पर महिला स्टाफ के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा था, जिसके बाद कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया। इस मामले में कलेक्टर ने जांच टीम गठित की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
मरीजों को हो रही भारी परेशानी
डॉक्टरों के बहिष्कार के कारण ओपीडी पूरी तरह से ठप रही। अस्पताल आने वाले मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा। मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल सका, जिससे उन्हें निजी क्लीनिकों का रुख करना पड़ा।स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि डॉक्टरों ने मरीजों की पर्ची के बजाय सादे कागज पर दवाइयां लिखनी शुरू कर दीं, जिससे मरीजों को दवा लेने में भी दिक्कत हो रही है।
अस्पताल में तनावपूर्ण माहौल
इस पूरे घटनाक्रम के कारण अस्पताल में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। मरीजों और उनके परिजनों में नाराजगी देखी जा रही है। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सिविल सर्जन को हटाया नहीं जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और मरीजों को कब तक राहत मिल पाती है।