जांजगीर चांपा के इतिहास में पहली बार मिला एक ही आरोपी चार बार आजीवन कारावास चरित्र शंका पर पत्नी और तीन बेटियों किया था हत्या

जांजगीर-चांपा: जिला एवं सत्र न्यायालय ने बलौदा थाना क्षेत्र के ग्राम देवरी में हुए सनसनीखेज हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है। पत्नी के चरित्र पर शक के चलते पत्नी और तीन मासूम बेटियों की हत्या करने वाले आरोपी देशराज कश्यप को चार बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने इस गंभीर अपराध के लिए उसे चार बार आजीवन कारावास के साथ 1-1 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
कैसे हुआ था खौफनाक हत्याकांड?
31 जुलाई 2023 को आरोपी देशराज कश्यप ने अपनी पत्नी और तीन बेटियों की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इस घटना की जानकारी 2 अगस्त 2023 को गांव के देवेंद्र बिंझवार ने पंतोरा चौकी में दी। तीन दिन तक घर में कोई हलचल न होने पर जब ग्रामीणों ने घर के अंदर जाकर देखा, तो वहां का दृश्य भयावह था—चारों शव खून से लथपथ पड़े थे और पास ही एक खून से सना रांपा (धारदार हथियार) मिला।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा
सूचना मिलने पर पंतोरा पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। डाक्टरी परीक्षण में पता चला कि हत्या 4 दिन पहले की गई थी। पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। जांच में यह सामने आया कि देशराज कश्यप अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था और इसी संदेह के कारण उसने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया।उप निरीक्षक गोपाल सतपथी और उप निरीक्षक मनोहर सिन्हा तत्कालीन थाना प्रभारी बलौदा के सजकता से सभी एंगलस जांच जांच करते हुए पर्याप्त साक्षी कोर्ट को कोर्ट को सौंप थे जिससे आरोपी को सजा देने में सहायक हुआ।
न्यायालय का कड़ा संदेश
मामले की सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह राजपूत ने इस जघन्य अपराध को गंभीर मानते हुए आरोपी को चार बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लोक अभियोजक संदीप सिंह बनाफर ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पुख्ता सबूत पेश किए, जिससे उसका अपराध सिद्ध हो गया।
गांव में पसरा सन्नाटा, परिवार ने की कड़ी सजा की मांग
इस हृदयविदारक घटना के बाद गांव में मातम छा गया था। आरोपी ने एक ही रात में अपने पूरे परिवार को खत्म कर दिया, जिससे समाज में डर और गुस्से का माहौल बन गया था। मृतकों के परिजनों और ग्रामीणों ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की थी।
क्या कहता है कानून?
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला घरेलू हिंसा और चरित्र शंका को लेकर होने वाले अपराधों पर एक सख्त संदेश देगा। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ इस तरह के अपराध को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।