जांजगीर चांपा
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कानून का दुरुपयोग

चांपा थाना प्रभारी ने खुद मानी आरोपी से मारपीट और फर्जी शराब केस में जेल भेजने की बात — अब SP करेंगे कार्यवाही या देंगे अभयदान जनता की बीच बड़ा सवाल

चांपा थाना एक बार फिर सुर्खियों में है। बाइक चोरी के मामले में थाना प्रभारी गुप्ता का कबूलनामा अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। मीडिया से बातचीत के दौरान थाना प्रभारी ने खुद माना कि आरोपी से पूछताछ के दौरान मारपीट की गई और बाद में उसे शराब तस्करी के फर्जी केस में जेल भेजा गया।

सूत्रों के मुताबिक, सिवनी क्षेत्र में दुर्गा पंडाल के पास हुई बाइक चोरी के मामले में आरोपी को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान उसने चोरी कबूल की, लेकिन पुलिस बाइक बरामद नहीं कर सकी। इसी नाकामी को छिपाने के लिए थाने में हद से ज्यादा मारपीट हुई, जिससे आरोपी की हालत बिगड़ गई।

जब परिजनों को घटना की जानकारी लगी, तो पुलिसकर्मियों को खुद के खिलाफ शिकायत की आशंका सताने लगी। तभी थानाप्रभारी गुप्ता ने पूरी कहानी पलट दी और आरोपी को शराब तस्करी के मामले में जेल भेज दिया।

इस घटना क्रम में चोरी की बाइक को राजधानी ट्रैवल्स के सामने छोड़ने की बात आरोपी ने कहा था और कुछ कर्मचारी की मिली भगत की बात कही थी लेकिन थानाप्रभारी और अन्य अन्य आरक्षको ने राजधानी ट्रेवल्स के नाम आते ही संभवतः आरोपी को अकेले जिम्मेदारी लेने की बात पर बेदम मारपीट कर दी और अपनी नाकामी छिपाने शराब तस्करी के मामले में जेल भेज दी ताकि परिजन और आरोपी द्वारा हंगामा न खड़ा किया जा सके और पब्लिक के सामने काला करतूत सामने न आए इस सबका मुख्य कारण है कि गलत कार्य लोगो से छिपे रहे और अच्छे कार्यों की सुर्खियों बटोरते रहे।

जनता के बीच अब सवाल यह है कि अच्छे कार्य करने वालों की प्रशंसा कर SP विजय पाण्डेय प्रशस्ति पत्र देकर अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित किया था क्या ऐसे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करेंगे या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा?
जनता के बीच चर्चा है कि अगर ऐसे खुले कबूलनामे पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती, तो यह पुलिस तंत्र की साख पर गंभीर धब्बा होगा।

थाना प्रभारी का बयान बनाम हकीकत

थाना प्रभारी का बयान जमीनी सच्चाई

“आरोपी ने बाइक चोरी कबूल की और बाद में शराब केस में भेजा गया।” बाइक अब तक बरामद नहीं, आरोपी की हालत पूछताछ में बिगड़ी, परिजनों को जानकारी मिलने पर फर्जी केस बनाया गया।
“पूछताछ में सामान्य कार्रवाई की गई।” मारपीट की बात खुद थाना प्रभारी ने मीडिया द्वारा पूछताछ स्वीकार की।“मामला निपटा लिया गया।” जनता अब SP की कार्रवाई की मांग कर रही है।

जनचर्चा गर्म 🔥

“थाना में कबूलनामा, कार्रवाई में सन्नाटा — क्या यही न्याय है?”

“अब जनता को नहीं चाहिए बयान, चाहिए कार्रवाई।”

“अगर SP चुप रहे, तो पुलिस पर से भरोसा उठ जाएगा।”

अब देखना यह है कि SP चुप्पी तोड़ते हैं या फिर अपने ही अधीनस्थों को ‘अभयदान’ देकर मामला ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
जनता की निगाहें अब जिले की पुलिस व्यवस्था की साख पर टिकी हैं।

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