
जांजगीर-चांपा कभी सोचा नहीं था कि मेरी ज़िंदगी पत्रकारिता की राह पकड़ेगी। लेकिन कहते हैं न, कुछ फैसले इंसान की दिशा ही बदल देते हैं। मेरे लिए वह दिन था 1 सितंबर 2015, जब छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस दैनिक अखबार ने अपना पहला अंक प्रकाशित किया। यही दिन मेरी पत्रकारिता का जन्मदिन भी बन गया।अखबार के पहले अंक से पहले ही गाँव–गाँव और शहर की दीवारें इसके पोस्टरों से पट चुकी थीं। उसी दौरान मेरे भीतर पत्रकारिता का शौक इतना गहरा हो गया कि मैंने नौकरी छोड़ सीधा इस राह पर कदम बढ़ा दिया। हरेली के दिन पूजा करने के बाद मैं लिंक रोड स्थित महाकाली इंटरप्राइजेज के दफ़्तर पहुँचा। वहीं संपादक राजेश भैया से मुलाकात हुई।उन्होंने मुस्कराकर पूछा – “कब से पत्रकारिता कर रहे हो?”मैंने जवाब दिया – “कभी नहीं… बल्कि पत्रकारों से तो एलर्जी थी, लेकिन अब खुद पत्रकार बनना चाहता हूँ।”इतना सुनकर उन्होंने मुझे एक डायरी और पेन दिया और कहा – “लिखकर दिखाओ।”मैंने गाँव की एक टूटी-फूटी कहानी लिख डाली।

पता नहीं उन्होंने किस मन से पढ़ा, लेकिन मेरे लिए यही एक नई शुरुआत थी।31 अगस्त 2015 की रात रायपुर से पेज सेट करने आए कैलाश भैया ने लगभग 11 बजे फाइल प्रिंट के लिए भेजी। नींद किसी की आँखों में नहीं थी। सुबह पता चला कि अखबार का पहला बंडल नैला स्टेशन उतरने की बजाय रायगढ़ चला गया है। जेपी भैया लाइनअप कर आखिरकार सुबह 7:30 बजे नैला स्टेशन पहुँचे और जैसे ही अखबार का बंडल हाथों में आया, जुनून उमड़ पड़ा।मैं खुद उन बंडलों को लेकर लोगों तक पहुँचाने में जुट गया। शहर की गलियों से लेकर गाँव तक अखबार बाँटता रहा। लोगों के हाथों में छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस देखना, उनका गर्व से सेल्फी लेना – वह क्षण आज भी मेरी यादों में ताज़ा है।इसी जुनून और मेहनत को देखकर अखबार प्रबंधन ने मुझे सिर्फ़ 6 माह में ही जिला प्रमुख का दायित्व सौंप दिया। कई लोगों ने सवाल उठाए – “जिसे पत्रकारिता आती भी नहीं, उसे जिला प्रमुख कैसे बना दिया?”
तब राजेश भैया मुस्कुराते हुए सिर्फ़ इतना कहते –“मुझे उसमें वो सब दिखता है, जिसकी मुझे ज़रूरत है।”यही विश्वास मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि था।आज पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो समझ आता है कि छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस सिर्फ़ एक अखबार नहीं, बल्कि मेरी पत्रकारिता की जननी है। जिस दिन इसने अपनी उड़ान भरी, उसी दिन मेरी ज़िंदगी को भी नई दिशा मिली और आज मैं यहां इलेक्ट्रॉनिक मीडिया न्यूज 18 MP/CG का जिला प्रतिनिधि और एक्सप्रेस आज यह अखबार बिना रुके, बिना थके अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, और मैं गर्व से कह सकता हूँ –मैंने अपनी पत्रकारिता की पहली सांस छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के साथ ली थी।












