बिलासपुर रेलवे मंडल ने हैरान कर देने वाली कमाल के इस जुगाड ऑफिस की प्रदेश भर में काफी चर्चा हो रही है।

जांजगीर-चांपा::जाज्वल्य न्यूज़::जुगाड़ के बना दिए आफिस
बिलासपुर- ट्रेनों के स्लीपर कोच में आपने कई बार सफर किया होगा। स्लीपर कोच में जो यात्रीयों के लिए सुविधाएं होती है उसे आप जानते भी होंगे. लेकिन उन सभी सुविधाओं के साथ स्लीपर कोच को जब ऑफिस में तब्दील कर दिया जाए तो हैरानी तो होगी ही।बिलासपुर रेलवे मंडल ने हैरान कर देने वाली कमाल के इस जुगाड ऑफिस की प्रदेश भर में काफी चर्चा हो रही है।देखिये ये रिपोर्ट…

दरअसल बिलासपुर रेल मंडल ने कबाड़ से जुगाड लगा कर इस ऑफिस को बनाया है. नई बिल्डिंग बनने तक कुछ रेलवे कर्मचारियों के लिए अस्थाई व्यवस्था की गई है. ट्रेन की बोगी अपको बाहर से ट्रेन की तरह ही दिखाई देगी क्योंकि बोगी यार्ड की पटरी पर ही खड़ी है. जब आप सीढ़ियों के सहारे अंदर कदम रखेंगे तो हैरान हो जाएंगे. यह पूरी तरह से व्यवस्थित ऑफिस की तरह दिखेगी. कर्मचारी अन्य ऑफिस की तरह अपना सारा काम कर रहे हैं. इस बोगी की सीटों को निकालकर टेबल, कुर्सी, अलमारी और फाइल रखने की व्यवस्था की गई है. इस ऑफिस में 5-6 लोगों के बैठने के लिए दो दो कंपार्टमेंट का एक एक रूप तैयार किया गया है।
वी.शीला (रेलवे कर्मचारी)
इस ऑफिस की खास बात यह है कि, इसमें ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया गया है. स्लीपर कोच में रहने वाली सुविधाएं जस की तस हैं. इसे स्लीपर कोच की तरह ही बरकार रखा गया है. इसमें टॉयलेट , वाशबेसिन, लाइट, पंखे स्लीपर कोच के ही लगे हुए है।अभी यह आस्थायी तौर पर बना है।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ साकेत रंजन ने बताया कि कोचिंग डिपो में कुछ नई बिल्डिंग बननी थी. कुछ नई लाइन वहां बनाई जानी थी. इस वजह से मोडिफिकेशन के तहत कुछ बिल्डिंग को तोड़ा गया था. तब तक नई बिल्डिंग बनी नहीं थी तो जो हमारे कोच थे उसका बेस्ट उपयोग करते हुए उसको अब कार्यालय के रूप में परिवर्तित किया गया है. नए भवन के बनने की वजह से अस्थाई ऑफिस की तरह कोच में से ऑफिस के काम होंगे।
भारतीय रेलवे के पास बहुत सारी ऐसी कोच पड़ी है जिसका उपयोग नहीं हो रहा है. ऐसी बोगियों का सदुपयोग किया जा सकता है. इस तरह के जुगाड से दूरस्थ अंचलों जहां नए भवन बनाना चुनौती हो तो ऐसे कोच जिनकी आयु पूरी हो चुकी हो उसको डेवलप किया जा सकता है. जब तक कोच ट्रेन के साथ चलती है तो ठीक है लेकिन जब जब बोगी का आयु समाप्त हो जाए या नहीं चल रही है तो उसे भवन के रूप में उपयोग किया जा सकता है।











