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छत्तीसगढ़ में पाकिस्तानी संस्था को जमीन देने पर मचा बवाल, अब अफसरों ने रद्द किया आवेदन।

जांजगीर-चांपा::जाज्वल्य न्यूज़::छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार पाकिस्तान की संस्था दावते इस्लामी पर मेहरबान है।
दावते इस्लामी का नाम टेरर फंडिंग में आ चुका है उसे कांग्रेस की सरकार फ्री में लगभग 25 एकड़ जमीन देने जा रही है. इसके लिए बाकायदा सरकारी अनुसंशा होकर अतिरिक्त तहसीलदार द्वारा इश्तहार जारी कर दिया गया है. जिसमें रायपुर के बोरियाखुर्द में 25 एकड़ भूमि दी जा रही है.

बीजेपी ने किया विरोध
सामाजिक संस्थाओं को नहीं दी गई जमीन
शासकीय भूमि खसरा नम्बर- 199/1 रकबा 10.000 हेक्टेयर भूमि आवंटन हेतु आवेदन दिया गया है. अब इस पर सियासत गरमा गई है.

बीजेपी ने किया विरोध
इस पूरे मामले में पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कांग्रेस की सरकार आतंकी संगठन को पनाह देने के लिए छत्तीसगढ़ में 25 एकड़ जमीन दे रही है.

सामाजिक संस्थाओं को नहीं दी गई जमीन
बृजमोहन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 7000 सामाजिक संस्थाओं और तमाम संगठन जमीन के लिए आवेदन किए हैं अभी तक उनको जमीन नहीं दिया गया है लेकिन पाकिस्तानी संगठन दावते इस्लामी को आनन-फानन में 25 एकड़ जमीन देने के लिए सरकारी प्रक्रिया कंप्लीट कर लिए अब इस पूरे मामले में विपक्ष पूरी तरह से मुखर हो गया है विपक्ष का कहना है कांग्रेस पार्टी आतंकियों और पाकिस्तानियों को पनाह देती है.

इस पूरे मामले पर राज्य सरकार की तरफ से रायपुर कलेक्ट्रेट भू आवंटन आधिकारी का पक्ष आया है कि इस पूरे मामले पर प्रारंभिक स्थिति में ही आवेदन 01-01-2022 को निरस्त कर दिया गया था और संस्था की तरफ से 10.000 हेक्टेयर नही 10 हजार वर्गफीट जमीन के लिए आवेदन प्रेषित किया गया था. जबकि इतनी जमीन तहसीलदार या जिला स्तर पर देना संभव नही है लेकिन सवाल यह भी उठता है कि अगर आवेदन सरकार द्वारा दो दिन पहले निरस्त किया गया तो फिर निरस्तीकरण का इश्तेहार अब तक क्यों नही दिया गया.

क्या राज्य की कांग्रेस सरकार बीजेपी नेताओ के विरोध के बाद जागी है. क्या आवेदन लेने के पहले राज्य सरकार के न्यायिक मजिस्ट्रेट(तहसीलदार)जैसे अधिकारियों को पता नही था कि दावते इस्लामी संस्था कहा कि है और उसके फाउंडर कौन है सवाल यही की टेरर फंडिंग करने वाली संस्था को 10 हजार वर्गफीट तो बहुत बड़ी बात है 1 इंच जमीन भी यंहा क्यों देंगे. चलो कम से कम भूपेश बघेल सरकार ने समय रहते कदम उठा आवेदन निरस्त कर दिया।

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