जांजगीर चांपा

जिला चिकित्सालय में अस्पताल प्रबंधन और सहयोगी स्टॉप पर अवैध उगाही और ब्लैकमेलिंग का लगा गंभीर आरोप फिर कार्यवाही में देरी क्यों साहब,एक औचक निरीक्षण में हो जायेगा पर्दाफास 

 

जांजगीर-चांपा: जिला चिकित्सालय जांजगीर-चांपा में इन दिनों अव्यवस्था का आलम जोरो पर है वही अब इस बात की शिकायत स्वास्थ्य संचालक के पास अस्पताल अंकित ताम्रकार और उनके सहयोगियों पर अवैध उगाही और ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत किया गया है जिस पर अब तक कोई कमेटी नही बन सकी है और जांच ठंडे बस्ते में नजर आ रहे। अस्पताल में व्यवस्थाओं की स्थिति भी लगातार बिगड़ती जा रही है, जिसका अस्पताल प्रबंधन का जिम्मेदारी है सूत्रों की माने तो बीते 7 से 8 माह से सिर्फ कुर्सी में बैठकर चल रही है अस्पताल कि मेंटेनेंस कार्य ना कोई विजिट ना कोई सुनवाई।

हद तो तब हो रही अस्पताल प्रबंधक अंकित ताम्रकार ने अपने चेंबर में स्टाफ पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिसके चलते कर्मचारियों की गोपनीयता पर प्रश्नचिन्ह उठाए जा रहे हैं। स्टाफ रूम तक में कैमरा लगाने का फैसला से नाराज स्टॉप ने शिकायत की है कि उनके निजी और व्यक्तिगत वार्तालापों पर भी नजर रखी जा रही है, जिससे उन्हें असुविधा हो रही है और निजता के हनन कर रहे है ।

इसके अलावा, अस्पताल में मेंटेनेंस से जुड़ी समस्याओं पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बताया गया है कि पिछले सप्ताह अस्पताल में शार्ट सर्किट के फॉल्ट की वजह से आग लग गई थी, जिसके लिए विद्युत कनेक्शन की मेंटेनेंस के लिए आवेदन दिया गया था, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया और बड़ी हादसा टल गया भला है सुरक्षा कर्मियों का जिन्होंने 4 महीने का वेतन नहीं पाने के बाद भी अपने जान जोखिम में डालकर आप पर काबू पानी पुरी प्रयास किया और अंततः आग बुझाने में सफल होगा या नहीं तो बड़ी अनहोनी हो जाती इस पर भी जब मीडिया सहित उपस्थित लोगों ने अस्पताल प्रबंधक पर अपनी पक्ष रखने की बात कही तो उन्होंने दूरी बनाते हुए कहा कि यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है और मेरी वजह से नहीं हुई जिसके लिए मैं जवाब दूं इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिरकार अस्पताल प्रबंधक की जिम्मेदारी नहीं है तो उनकी पोस्टिंग क्यों ?

अंकित ताम्रकार पर यह भी शिकायत कर्ता का आरोप है कि उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सिविल सर्जन के नाम पर लोगों से अवैध वसूली करने अपने निजी मोबाइल नंबर 9826184107और सहयोगी फलेश लहरे द्वारा अपने मोबाइल 700055070 के माध्यम से ब्लैकमेलिंग तक की है और मोटी रकम डरा धमका कर वसूल ली गई की है। इसके साथ ही, विजेंद्र पाल, जो जीवनदीप समिति के कर्मचारी हैं, उन पर भी अवैध वसूली में सहयोग देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

अब जिला चिकित्सालय के इस मामले में लोगों की नजरें स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल पर हैं, जो राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही कड़ी कार्यवाही होगी और दोषियों को सजा मिलेगी चूंकि सरकार का स्पष्ट आदेश है कि मरीज सहित अन्य लोगों को किसी तरह के असुविधा हुई तो जिम्मेदारों को नहीं बख्शा जायेगा।

अब स्टॉप और पदस्थ डॉक्टरों द्वारा एक राय होकर अव्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी हो रही है जिससे अस्पताल की मेंटेनेंस हो सके और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले।

अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जबकि लोग कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।

Back to top button