बलौदा पुलिस पर पास्को एक्ट के तहत एक मामले में सह आरोपी को मोटी रकम लेकर छोड़ने के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़िता के परिजनों का दावा है कि उनके पास एक वीडियो फुटेज है, जिसमें देखा जा सकता है कि पीड़िता को जबरन बहला-फुसलाकर गाड़ी में बैठाया जा रहा है। इसके बावजूद,पुलिस ने दो सह आरोपियों को कथित रूप से मोटी रकम लेकर रिहा कर दिया इस तरह की मामला पहली बार नहीं आया बल्कि दर्जनों बार बलौदा पुलिस पर पैसा लेन देन करने का आरोप लगता रहा है कभी सक्रिय डीजल चोर हो कोयला चोर हो ग्रामीण क्षेत्र से कई तरह की मामला इस तरह की मामले में पुलिस आरोपी को बचाने के एवज में मोटी रकम लेकर मामला रफादफा कर देते है और पीड़ित पक्ष भी पुलिस के दबाव और अन्य गतिविधि फंसा कर जेल भेज देने की डर से आगे नहीं बढ़ पाता हालंकि इस मामले पर मुख्य आरोपी को पुलिस ने आरोपी चंद्रशेखर कुंभकार को देर रात जेल दाखिल कर मामला को दबाने प्रयास किया है।
न्याय की आस में पीड़ित परिवार
पीड़िता के परिजनों ने जब इस मामले में उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही, तब जाकर पुलिस ने मुख्य आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा। परिजनों का आरोप है कि पुलिस पहले मुख्य आरोपी को भी छोड़ने की फिराक में थी।
पुलिस की छवि पर प्रश्नचिह्न।
पीड़िता के परिजनों ने बलौदा पुलिस पर इस मामले मे आरोप लगाया है, जहां पुलिस ने न्याय देने के बजाय अपने पद का दुरुपयोग किया है। इस घटना ने बलौदा पुलिस की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया है और उनके कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं इस संबंध में बलौदा थाना प्रभारी अशोक वैष्णव से जानकारी लेना चाहे तो उन्होंने फोन तक रिसीव करना जरूरी नहीं समझा इस तरह के थाना प्रभारी की रवैया जनहित पर करारा तमाचा है और क्षेत्र के ग्रामीण जब भी कोई मामला के लिए फोन लगाते है कभी वो फोन रिसीव नहीं करते।
उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार।
पीड़ित परिवार ने अब इस मामले में एस पी से शिकायत करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि वे न्याय के लिए हर संभव कदम उठाएंगे और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
यह मामला न्याय प्रणाली पर भी बड़े सवाल सवाल खड़े करता है। बलौदा पुलिस पर लगे इन आरोपों ने न केवल पीड़ित परिवार को निराश किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे भ्रष्टाचार न्याय को प्रभावित कर सकता है। उच्च अधिकारियों से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि एस पी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और किस तरह से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में उनकी मदद करते हैं।