हद हो गई जिमेदारो की दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल में रैंप ,हैंड रेल और दिव्यांग शौचालय तक नहीं
जांजगीर चांपा जिले में कलेक्टर का उत्कृष्ट शिक्षा की मंशा को लेकर लगातार अभियान चला रहे हैं लेकिन इस योजना को अमली जामा पहनाने मे कड़ी मेहनत करने से लेकर कई बाधा पार करनी होगी जिला के कई स्कूल जर्जर भवन की भेंट चढ़ गई तो किसी स्कूल में शिक्षकों की कमी अब हद तो तब हो गई जब दिव्यांग बच्चों के लिए ना रैंप ना शौचालय की व्यवस्था ऐसे में कैसे उत्कृष्ट जिला की मनसा को पूरी कर पाएंगे नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत सलखन प्राथमिक शाला खाल्हे पारा में अस्थि बाधित दिव्यांग बच्चे अध्ययनरत हैं इसके बावजूद यहां के विद्यालय में दिव्यांग बच्चों के लिए अनिवार्य सुविधाएं जैसे रैंप,हैंड रेल और दिव्यांग शौचालय तक नहीं है।ऐसे में अस्थि बाधित दिव्यांग बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह जानकारी कृष्णा यादव द्वारा दी गई है,वे समावेशी शिक्षा पर शोध कार्य कर रही हैं नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपल (एन सी पी ई डी पी)नई दिल्ली में, उनका मानना है कि स्कूल वातावरण को दिव्यांग बच्चों के अनुकूल बनाना सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है, अतः इस पर प्रशासन को शीघ्र ही संज्ञान लेने की आवश्यकता है। जिम्मेदारों ने अब तक आखिर ऐसी समस्या को क्यों नहीं सुलझाया बीते दो चुनाव को लेकर लगातार स्कूलों की मॉनिटरिंग उच्च अधिकारियों द्वारा की जा रही थी बिजली पानी शौचालय और रैम की व्यवस्था के लिए लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी अधिकतर इस किलो की यही स्थिति है जो उत्कृष्ट जांजगीर बने सैकड़ो बड़ा आ रही है इसके सबसे बड़े जिम्मेदार जनप्रसिद्ध से लेकर संबंधित शिक्षा विभाग है जो बच्चों को भविष्य करने शिक्षा के मंदिर को नजर अंदाज कर रहे हैं।