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विश्व एड्स दिवस एवं नशा मुक्ति पर व्याख्यानमाला और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन

केरा के नवीन शासकीय महाविद्यालय में विश्व एड्स दिवस और नशा मुक्ति के विषय पर एक दिवसीय व्याख्यानमाला सह निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के  प्राचार्य डॉ. आलोक कुमार चंदेल के कुशल मार्गदर्शन और नेतृत्व में किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत  वंदना और स्वागत गीत के साथ हुई। इसका संयोजन और संचालन सहायक प्राध्यापक धनेश्वर प्रसाद चंद्रा और राकेश कुमार कर्ष ने किया। अतिथियों का स्वागत किया गया, जिसके बाद हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापक कृष्णा यादव ने एड्स एवं नशा मुक्ति दिवस मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है,” इसलिए सभी को नशे से दूर रहने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है, और इस साल की थीम थी: “सही राह पर चलें – मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार”।

व्याख्यान श्रृंखला

कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक जी. एन. रात्रे ने नशे को सामाजिक अभिशाप बताते हुए विद्यार्थियों को इससे दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद और डॉ. भीमराव अंबेडकर के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया।
प्राचार्य डॉ. आलोक कुमार चंदेल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा, “नशा नाश का जड़ है। इससे न केवल खुद को दूर रखें, बल्कि समुदाय को भी जागरूक करें। यह गंभीर बीमारियों और सामाजिक पतन का कारण बनता है।”

निबंध प्रतियोगिता

कार्यक्रम के अंतर्गत निबंध प्रतियोगिता का विषय था: “नशा एक सामाजिक अभिशाप”।
प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित किया गया:

प्रथम स्थान: विजय कुमार आदित्य (बी.ए. द्वितीय वर्ष)

द्वितीय स्थान: कमल देवांगन (बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष)

तृतीय स्थान: गिरजा धीवर (बी.ए. द्वितीय वर्ष)
सांत्वना पुरस्कार: रामा भीष्म (बी.कॉम द्वितीय वर्ष) और मीनू आदित्य (बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष)।

समापन

कार्यक्रम के समापन में राकेश कुमार कर्ष ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और एड्स व नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।

इस आयोजन में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, ग्रंथपाल, सहायक कर्मचारी, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम ने महाविद्यालय में जागरूकता और आनंद का माहौल उत्पन्न किया।

 

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