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मोदी की गारंटी पर नहीं हो सका अमल पंचायत सचिवों का विधानसभा घेराव,शासकीयकरण की मांग पर अड़े।

छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों का गुस्सा उफान पर है। मोदी की गारंटी के तहत शासकीयकरण का वादा पूरा न होने से नाराज 10,959 पंचायत सचिवों ने 17 मार्च 2025 को रायपुर के तूता धरना स्थल से विधानसभा तक रैली निकालकर घेराव किया।

100 दिन का वादा, 422 दिन बाद भी इंतजार

2024 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 100 दिनों में शासकीयकरण का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के 17 महीने बाद भी कोई ठोस पहल नहीं हुई। इससे पंचायत सचिवों में भारी आक्रोश है।

सरकार से ठोस आश्वासन नहीं

7 जुलाई को हुए आभार एवं आशीर्वाद समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और अन्य मंत्रियों की मौजूदगी के बावजूद पंचायत सचिवों को ठोस आश्वासन नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने कहा था कि घोषणा की जरूरत नहीं, अमल में लाया जाएगा, लेकिन 422 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अनिश्चितकालीन आंदोलन और मंत्रालय घेराव की चेतावनी

पंचायत सचिवों ने 18 मार्च से काम बंद, कलम बंद अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा कर दी है। अगर सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती, तो 1 अप्रैल को रायपुर में मंत्रालय का घेराव किया जाएगा।

जांजगीर-चांपा से बड़ी भागीदारी

विधानसभा घेराव में जांजगीर-चांपा से पंचायत सचिव संघ के भूपेंद्र सिंह गहलोत, लकेश यादव, सीताराम कर्ष, सुमित सिंह, गजानंद साहू,मालिकराम कश्यप,दुखीराम धनराज, पुष्पराज सिंह,सहित कई सचिवों ने भाग लिया।

अब देखना यह है कि सरकार पंचायत सचिवों की 30 वर्षों से लंबित मांग को कब तक पूरा करती है।

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