शहर के प्रमुख जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। गार्डों और अस्पताल के कर्मचारियों की तत्परता से बड़ी दुर्घटना टल गई, लेकिन इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर दिया है।
अस्पताल के गार्ड ने अपनी जान जोखिम में डालकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया और आग को फैलने से रोक दिया। वहीं आग को पूरी तरह बुझा दिया। घटना के समय अस्पताल में भर्ती मरीजों को आनन-फानन में दूसरे वार्डों में शिफ्ट कर दिया गया।
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उजागर
मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल की मरम्मत और रखरखाव के लिए लगातार मांग की जा रही थी, लेकिन समय पर मेंटेनेंस कार्य नहीं कराया गया। अस्पताल में लंबे समय से अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है। इसके बावजूद, प्रबंधन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे।घटना के बाद जब मीडिया ने अस्पताल प्रबंधक अंकित ताम्रकार से सवाल किए, तो वे कैमरों से बचते नजर आए।
अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने खुलासा किया कि ड्यूटी पर तैनात गार्डों को पिछले चार महीने से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है।
स्थानीय प्रशासन से जवाबदेही की मांग
इस घटना के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो गए हैं। आम जनता और मरीजों के परिजनों ने अस्पताल की सुरक्षा और रखरखाव को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।