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विश्व पर्यावरण दिवस के दिन पराली जलाने से प्रशासन के आंखों के सामने हो रहे थे पर्यावरण प्रदूषण विभाग सहित जिला प्रशासन फोटो बाजी में थे मस्त कार्यवाही की है अब दरकार… 

ये कैसा संदेश…..

जिला प्रशासन ऑडिटोरियम भवन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पेड़ लगाकर फोटो बाजी कर लोगों को पर्यावरण बचाने संदेश दे रहे थे और ठीक पीछे ही सैकड़ो एकड़ में फैले पराली (पैरा) धूं धूं कर जल रही थी आधुनिक युग के किसान खूब प्रदूषण कर रहे थे पैरा जलाने से किसानो की खेत की मिट्टी में उर्वरक क्षमता कम होने के कारण नुकसान के साथ-साथ आसपास में कई तरह के जीव जंतु आज के लपेटे में आकर मर गए आखिर इसके जिम्मेदार किसको माना जाए निश्चित रूप से इसकी जिम्मेदारी राजस्व विभाग की है जो समय रहते ऐसे लोगों के ऊपर कारवाई नहीं कर पाती सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन अनुसार प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान किया गया था जबकि इस तरह की गतिविधि को रोक लगाने राजस्व विभाग ने किसी तरह की कार्य नहीं के इस बात की जानकारी किसानों को फसल तैयार होते ही गांव में मुनादी कारागार सचेत करना था जबकि यहां पूरी तरह से नाकाम रहे पटवारी,आर आई तहसीलदार और एसडीएम के आंखों के सामने पिछले एक सप्ताह से इस तरह की गतिविधि चल रही है लेकिन इन सबको लिखित शिकायत का इंतजार रहता है जबकि बिना शिकायत स्वत संज्ञान लेकर इन जैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जिससे आने वाले समय में पर्यावरण और जैव विविधता को बचाए रखने जरूरी कार्य किया जा सके किसानो किसानों के द्वारा अब पशुपालन में किसी तरह के दिलचस्पी नहीं होने के कारण पहरा को बी समय जलाकर पर्यावरण को प्रदूषण के साथ-साथ आसपास के हरे-भरे पेड़ पौधे चारा सहित कई जीव जंतु को मार कर गैर कानूनी कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है लेकिन उनको समझने और मार्गदर्शन देने वाला ही मुख दर्शक बने रहे तो क्या कर सकते हैं जिला में हजारों एकड़ में फैले रवि फसल का पैरा को किसान आज के हवाले कर रहे हैं अब ऐसे में पटवारी आ रही तहसीलदार एसडीएम के टीम ऐसे गैर कानूनी कार्य करने वालो को क्या चिन्हांकित कर कार्यवाही करेगी या नहीं यह तो समय ही बताएगा,,

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