Wednesday, April 24, 2024
Homeरायगढ़रायगढ़ लोकपाल मनरेगा के विरूद्व आयुक्त मनरेगा छत्तीसगढ़ शासन को खुला पत्र।

रायगढ़ लोकपाल मनरेगा के विरूद्व आयुक्त मनरेगा छत्तीसगढ़ शासन को खुला पत्र।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज::::25 जून 2022/सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट
ओमेशबिसेन ने कमिश्नर आयुक्त को लोकपाल, महात्मा गांधी नरेगा जिला रायगढ़ के विरूद्व शिकायत एवं तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक लंबा पत्र लिखा है चार पेज का जिसमे लोकपाल द्ववारा दर्ज मामला क्रमांक 44/2021 दिनांक 7/12/2021, जिस पर अवार्ड दिनांक 27.5.2022 का पारित किया गया तथा उक्त अवार्ड दिनांक 13/5/2022 को डाक द्वारा संप्रेषित किया गया है। जो कि मुझे 15/6/2022 को प्राप्त हुआ लोकपाल द्वारा मेरे शिकायत आवेदन को कई माह तक अपने हितो की पूर्ति के लिए लटकाकर रखा किंतु मेरे द्वारा इस मामले में उच्चस्तरीय ध्यानाकर्षण कराया गया तब लोकपाल महोदय ने आनन-फानन में हड़बड़ी पूर्वक अवार्ड (2 पेज) लिखकर भेज दिया गया। लोकपाल द्वारा कई बार मुझे फोन पर बातचीत के नाम पर दुर्वव्यवहार किया गया है। मुझे लिखित में कार्यवाही नोटिस भेजने के मेरे अनुरोध को उसने कभी स्वीकार नही किया बल्कि मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगाते रहे कि मै उनके नोटिस पर उपस्थित नही हो रहा हूं। लोकपाल बनाम कथित पीठासीन अधिकारी के दुव्र्यवहार से ऐसा लगता था कि दुनिया के सारे कायदा-कानून जानने का ठेका सिर्फ उन्ही ने ले रखा है। लोकपाल द्वारा प्रेषित उक्त अवार्ड में ‘‘पीठासीन अधिकारी‘‘ लाल बहादुर राठौर लेख किया गया है। लोकपाल के पीठासीन अधिकारी होने का कही भी उल्लेख महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम में मैने नही पाया है। इस बिंदु पर लोकपाल महोदय से स्पष्टीकरण मांगाी जानी चाहिए।
लोकपाल द्वारा पारित उक्त अवार्ड मनरेगा अधिनियम के तहत एक अवार्ड नही होकर बेबुनियाद काल्पनिक लेख है जिसे मात्र खानापूर्ति के लिए ऐन-केन प्रकरण लिखकर भेज दिया गया है। लोकपाल द्वारा उक्त अवार्ड में शिकायतकर्ता/आवेदक की अनुपस्थिति मो ही मुख्य मुद्दा बनाया गया है। जबकि आर्थिक अनियमितता के आरोप पर जांच कार्यवाही सब कुछ ठीक-ठाक है कि तर्ज पर सब कुछ गोलमाल किया गया है। क्रियान्वयन एजेंसी/अनावेदकों से संपूर्ण दस्तावेंजो का प्राप्त होना एवं उनका बेहतर होना पाया गया हैं किंतु लोकपाल द्वारा अपने विवेचना में एक भी दस्तावेज की सत्यता प्रमाणित होने के तथ्यात्मक विवरण नही दर्शाया गया है। जिससे लोकपाल द्वारा पारित उक्त अवार्ड काल्पनिक व संदिग्ध प्रतीत होता है। तथा मनरेगा शासकीय धन के हेराफेरी करने वाले को बचाने का एक साजिश लग रहा है। महात्मा गांधी नरेगा नियमानुसार संबंधित वेबसाईट में आॅनलाइन कार्य संबंधी ब्यौरा को एजेंसी द्वारा दर्ज नही किया जाना, मनेगा नियमों व प्रावधानो का उल्लघन है। किंतु माननीय लोकपाल महोदय ने इसे अनदेखा करते हुए क्रियान्वयन एजेंसी के विरूद्व कोई दण्डात्मक अनुशंसा नही किया गया है, जो कि कानून का घोर उल्लघन है। उक्त अवार्ड बिल्कुल अनुसंशा-विहीन होकर सिर्फ एक बकवास जैसा लेख बन कर रह गया है, मैने अपने शिकायत आवेदन में लोकपाल महोदय से कोई जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह नही किया है। बल्कि महात्मा गांधी नरेगा नियमों के परीक्षण बिंदुओं के अनुपालन होने की कसौटी पर क्रियान्वयन एजेंसी के उक्त कार्य की जांच किए जाने का निवेदन किया है। किंतु लोकपाल द्वारा जांच किये जाने जैसे कोई प्रक्रिया ही नही किया गया है।
उक्त पारित अवार्ड में लोकपाल महोदय द्वारा दिनांक 20/4/2022 स्थल निरीक्षण एवं गणमान्य नागरिकों की पंचनामा तैयार किया जाना लेख किया गया है जो कि एकदम असत्य व गनगंढत प्रतीत होता है। क्योकि लोकपाल महोदय द्वारा पारित अन्य तीन अवार्डो में भी उक्त दिनांक 20/4/2022 को ही स्थल निरीक्षण व गणमान्य नागरिकों से पंचनामा कार्य किए जाने का उल्लेख किया गया है, जो कि विभिन्न भौगोलिक स्थितियों व दूरी में होने के कारण सामान्य तौर पर संभव ही नही है। यह एक अवार्ड लेखन में काॅपी-पेस्ट कर हड़बड़ी में गड़बड़ी करने जैसा ही लग रहा है। यह कि प्रकरण में दर्ज चेक डेम निर्माण कार्य- अमेठी (3313/1111488082) अनुमानित लागत 15 लाख स्वीकृति क्रमांक 2421कए स्वीकृति दिनांक 17/6/2020 के विरूद्व क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा सामग्राी पर 111562.08 रूपये एवं अकुशल मजदूरी पर 195624 ब्यय किए जाने की आॅनलाइन ब्यौरा से पुष्टि होती है। जबकि अर्ध कुशल एवं कुशल मजदूरों के लिए कोई भी ब्यय नही किया गया है। जिससे सामग्री पर कि गई ब्यय राशि फर्जी प्रतीत होता है। इस प्रकार इस कार्य में कुल ब्यय रूपए 1310886 होना दर्शाया गया है, जो कि संदिग्ध होकर जांच योग्य है। किंतु लोकपाल द्वारा जांच के नाम पर केवल लीपापोती का काम किया गया है। यह कि उक्त कार्य होने के पूर्व की स्थिति, कार्यस्थल का ब्यौरा उपलब्ध नही है और न ही उक्त कार्या के अलग-अलग स्टेज के फोटोग्राफ्स है। कार्य शुरू करने की तारीख 1/2/2021 होना दर्शाया गया है। जबकि सामग्री की संपूर्ण बिल वाउचर्स 1/2/2021 से 17/5/2021 तक अवधि में खर्च किया जाना मनरेगा वेबसाइट के आॅनलाइन में दर्शाया गया है। उक्त सामग्री पर किया गया ब्यय संदिग्ध है। जिसकी जांच-सामग्री पंजी एवं अन्य संबधित दस्तावेजों का परीक्षण कर किया जाना चाहिए जो कि लोकपाल महोदय द्वारा अनदेखा किया गया है। यह कि संबंधित कार्य की पूर्णता प्रमाण पत्र का अवलोकन किया जावे। दिनांक 12/10/2021 तक कार्य की स्थित चालू होना दर्शाया गया है। अतएव कार्यस्थलमें निर्माण कार्य की स्थिति की भी जांच करने की आवश्यकता है। क्योकि लोकपाल द्वारा तथा कथित गणमान्य नागरिकों से पंचनामा तैयार करने की बात कही गयी है। गणमान्य नागरिक किसे कहेंगे और मनरेगा कानून में इनके लक्षण क्या-क्या होना निर्धारित किया गया है ? लोकपाल महोदय से पूछा जाना चाहिए।
लोकपाल द्वारा अपने उक्त अवार्ड में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर विवेचना एवं सूक्ष्म अवलोकन किया जाना उल्लेख किया गया है। जो कि मात्र शाब्दिक-जुगाली किया जाना प्रतीत होता है। जबकि उनके कथित अवार्ड में कही भी संबंधित तथ्यों के ब्यौरा व विवरण उल्लेखित ही नही है। क्या कथित अवार्ड में अवार्ड मनाने लायक गुण-धर्म मौजूद है ? इसकी स्पष्टता आम नागरिकों के समझ हेतु बताई जावे। यह मेरे शिकायत आवेदन का निराकरण लोकपाल महोदय द्वारा लंबे अंतराल तक लटकाये जाने के कारण अंततः लोकपाल के समक्ष नियमानुसार मनरेगा अंतर्गत लोकपाल गाइडलाइन्स का पालन क समय सीमा में प्रकरण निपटाने के लिये निवेदन करने मुझे बाध्य होना पड़ा। लेकिन मेरे इस निवेदन पर लोकपाल महोदय का माथा गर्म हो गया प्रतीत होता है। क्योंकि अब वे स्वयं लोकपाल गाइड लाइन्स के विरूद्व न सिर्फ आचरण कर रहे है बल्कि उसे गलत भी बता रहे है। लोकपाल का यह कथन व व्यवहार अनुशासनहीनता के दायरे में आने से उनके विरूद्व नियमानुसार कार्यवाही होनी चाहिए। क्या मनरेगा नियम कानून का पालन करने की बाध्यत्व-अनिवार्यता मनरेगा लोकपाल पर लागू नही होता ? शासन-प्रशासन द्वारा इस मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाना चाहिये, ताकि आम आदमी मनरेगा की सच्चाइ से अवगत हो सके।

Jajwalya News
Jajwalya Newshttps://jajwalyanews.com/
देश में तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार वेबसाइट है। जो हिंदी न्यूज साइटों में सबसे अधिक विश्वसनीय, प्रमाणिक और निष्पक्ष समाचार अपने पाठक वर्ग तक पहुंचाती है। Email : newsjajwalya@gmail.com
RELATED ARTICLES

Most Popular