महावीर कोलवाशरी की मनमानी चरम पर, कोलवाशरी का बेशकीमती शासकीय भूमि पर बेजाकब्जा बलौदा तहसीलदार ने बेदखली आदेश जारी करते हुए दिया सात दिन का समय,सात दिन बाद भी नहीं हटाया कब्जा, कोलवासरी के मनमानी से क्षेत्र के हलाकान।

जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा बलौदा की महावीर कोलवाशरी अपने विभिन्न कारनामे को लेकर आए दिन सूर्खियों में बनी रहती है। अभी शासकीय जमीन पर बेजाकब्जा को लेकर महावीर कोलवाशरी एकबार फिर सुर्खियों में है। न्यायालय तहसीलदार ने बेदखली का आदेश जारी करते हुए हफ्ते भर के भीतर अतिक्रमण हटाने को कहा है, लेकिन कोलवाशरी न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने अमादा है। जांच में महावीर कोलवाशरी ने एक एकड़ से अधिक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है।
बलौदा में संचालित महावीर कोलवाशरी की मनमानी से क्षेत्रवासी त्रस्त हो गए हैं। खासकर कोलवाशरी की नगर में दौड़ती गाड़ियों ने तो लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। गाड़ियों के प्रदूषण से जहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है, तो वहीं नगर में फर्राटे भरते वाहनों से दुर्घटना का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसी बीच महावीर कोलवाशरी का नया कारनामा सामने आया है, जिसमें शासकीय भूमि खसरा नंबर 167/1 रकबा 2.873 हेक्टेयर में से एक एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा किया गया है। मामले की शिकायत ग्रामीणों ने की थी। मामले में बलौदा तहसीलदार ने आरआई और पटवारी के माध्यम से पूरे मामले की जांच कराई गई। राजस्व निरीक्षक और पटवारी जब मौका मुआयना करने गए, तो महावीर कोलवाशरी की ओर से कोई मौजूद नहीं था। जबकि इसकी सूचना नोटिस के जरिए कोलवाशरी को दे दी गई थी। इसके बावजूद महावीर कोलवाशरी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में राजस्व निरीक्षक और पटवारी ने ग्राम कोटवार, व पंचनामा तैयार कर शासकीय जमीन की नापजोख की गई, तब खसरा नंबर 167/1 रकबा 2.873 में से एक एकड़ से अधिक भूमि पर महावीर कोलवाशरी का अतिक्रमण पाया गया। राजस्व निरीक्षण जांच प्रतिवेदन बनाकर तहसीलदार को पेश किया। बलौदा तहसीलदार ने बीते 29 मार्च को बेदखली आदेश जारी करते हुए कहा कि महावीर कोलवाशरी एंड प्राइवेट लिमिटेड ने भिलाई गांव की शासकीय भूमि में अतिक्रमण करते हुए डायरेक्टर आफिस का निर्माण कराया है, जिसे सात दिनों के भीतर हटा लिया जाए। अन्यथा छ.ग.भू. राज. संहिता 1959 की धारा 248 में निहीत प्रावधानों के तहत अन्य कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण शासकीय स्तर पर हटाने की स्थिति में व्यय होने वाले खर्च की भरपाई भी महावीर कोलवाशरी को करनी होगी।
न्यायालय का भय नहीं
महावीर कोलवाशरी की मनमानी ऐसी है कि उसे न्यायालय का भी बिल्कुल भय नहीं है। यही वजह है कि आदेश जारी होने के सात दिन बाद भी शासकीय भूमि से बेजाकब्जा नहीं हटाया गया है। न्यायालय तहसीलदार के जारी आदेश से महावीर कोलवाशरी की मनमानी पर कहीं न कहीं अंकुश जरूर लगेगा, लेकिन इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर ठोस कार्रवाई की दरकार है। हालांकि आदेश में अतिक्रमण नहीं हटाने की स्थिति में शासकीय स्तर पर कब्जा हटाने का जिक्र है। इधर, सात दिन बाद भी बेजाकब्जा नहीं हटाया गया है। ऐसे में देखना काफी दिलचस्प होगा कि तहसीलदार इस मामले में कब रुचि लेते हैं।
लोगों ने खोला मोर्चा
बलौदा नगर में चौबीसों घंटें महावीर कोलवाशरी की दौड़ती गाड़ियों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है, जिससे आए दिन लोगों की जान जा रही है। इससे त्रस्त होकर नगर के लोगों ने नो एंट्री पर बड़ी गाड़ियों की एंट्री पर अंकुश लगाने की मांग करते हुए नगर के थाना प्रभारी को ज्ञापन दिया था। उन्होंने मांग की थी बड़ी गाड़ियों खासकर कोलवाशरी की गाड़ियों के चालन दौरान उसमें तिरपाल ढंका होना अनिवार्य किया जाए, क्योंकि कोलवाशरी की गाड़ियों से उड़ते डस्ट के कारण क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके कारण लोग सर्दी खासी सहित फेफड़े से संबंधित बीमारियों के शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
हटाया जाएगा कब्जा
महावीर कोलवाशरी के खिलाफ बेदखली आदेश जारी करते हुए सात दिन का समय दिया गया है। अभी शिवरीनारायण के कार्यक्रम में ड्यूटी लगी है। यहां के बाद कोलवाशरी का अतिक्रमण हटाया जाएगा।
-अभिषेक विश्वकर्मा, तहसीलदार बलौदा











