सरकार से जिन पंचायत सचिव ने ठगा महसूस किया उन्हीं के बदौलत भरोसा का सम्मेलन कार्यक्रम हुआ संपन्न मुख्यअतिथि के माइक सम्हालते ही लोग निकलने लगे बाहर।
ब्यूरो रिपोर्ट जाज्वल्य न्यूज़ जांजगीर चांपा।
भरोसा का सम्मेलन कार्यक्रम को सफल बनाने प्रशाशन ने पूरी जिम्मेदारी पंचायत कर्मचारियों की दायित्व सौंप दिया था जो भली भांति जिला की सम्मान के लिए एक एक व्यक्ति जोड़ कर लाने कड़ी मेहनत किया जिनके भरोसे यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ वही प्रशाशन की जिम्मेदारी तैयारी और व्यवस्था में लगा था तो पुलिस विभाग ने सुरक्षा के पूरा जिम्मेदारी बिना किसी अड़चन पुख्ता इंतजाम किया गया और पार्किंग व्यवस्था किसी भी व्यवधान के सुचारू रूप से हो गया। निश्चित रूप से पंचायत सचिव जिस मेहनत और लगन से कार्यक्रम को या सरकार की योजनाएं को सफल बनाने पूरी इमानदारी के साथ निभाते आए है जिसके बदौलत प्रदेश राष्ट्रीय स्तर में सरकार योजनाओं के क्रियान्वयन के भरोसा पुरुस्कृत भी हुए लेकीन मुख्यमंत्री ने इन पंचायत सचिवों की अब तक पूरा नहीं कर सके फिर भी काम बड़ी ईमानदारी से करते रहे है कार्यक्रम सफल होने के बाद हमेशा उच्च अधिकारी ही ले लेते है जबकि संबंधित अधिकारियों को भी नही पूछा जाता जिन्होने कार्यक्रम को सफल बनाने दिन रात मेहनत करते है और हमेशा से वाहवाही बड़े अधिकारियों को मिल जाता है जिसको लेकर फिर से मायूस नजर आए चूंकि मुख्यमंत्री अपने उद्बोधन में पंचायत सचिवो को छोड़ पंच से लेकर मितानिन पार्षद जनप्रतिनिधियों से लेकर सभी डिपार्टमेंट को संबोधित किया और कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम कड़ी रहे पंचायत सचिव को पुनः दरकिनार कर गए जिस कारण सचिवों रोष पुनः उत्पन्न हो गया।
बीच सभा में अचानक से उठा जनता का भरोसा।
मुख्य अभ्यागत मल्लिकार्जुन खड़गे का सभा का संबोधन शुरु करते ही अचानक पंडाल से उठकर बाहर जाने लगी उस वक्त कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेताओं ने खूब मिन्नत भी किया लेकिन जनता तो कहां अपनी मर्जी के मालिक ठहरे और किसी का एक न सुनी और सारे के सारे भीड़ एक-एक कर भाषण खत्म होने से पहले कुर्सी खाली कर गए वही उपस्थित लोगों में कांग्रेस कार्यकर्ता,मीडिया और जिम्मेदार कर्मचारियों बच गए ऐसे में देखा जा रहा था कि अचानक से सब ठीक-ठाक चल रहे कार्यक्रम में खटाई पड़ गई हालांकि यहां कार्यक्रम एक हद तक सफल भी रहा और जिस मकसद को पूरा करने कांग्रेस ने कार्यक्रम कराया वह सफल रहा और एससी वर्ग के मतदाताओं को लुभाने छत्तीसगढ़ के प्रथम सांसद मिनीमाता के नाम मेडिकल कॉलेज का नामकरण भी किया गया।
राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के लिए अब भीड़ जुटानी राजनीतिक दल के लिए होगी टेढ़ी खीर ।
जांजगीर-चांपा जिला में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का अब तक बड़ा कार्यक्रम दो बार हो चुका है 2018 विधानसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आए और स्थानीय मुद्दा पर किसी तरह की उद्बोधन नहीं हुआ ना ही कोई विकास कार्य दे पाए जबकि भरोसा के सम्मेलन कार्यक्रम में मल्लिकार्जुन खड़गे भी उद्बोधन के दौरान एक भी स्थानीय मुद्दा पर किसी तरह की चर्चा नहीं किया बल्कि राष्ट्रीय स्तर के ही समस्या को लेकर देता रहा जिसको लेकर स्थानीय लोग अब राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के लिए भीड़ इकट्ठा कर पाना भारी मुश्किल होगा।
भीड़ जुटाने कांग्रेसियों का दावा खोखला।
भरोसा के सम्मेलन को लेकर कांग्रेसियों ने कार्यक्रम में 1लाख लोगो की भीड़ जमा करने प्रयास किए लेकिन कुछ कर्मठ कांग्रेसी कार्यकर्ताओ की छोड़ बाकी ने फ्लैक्सी बाजी बस की जिनकी मानसिकता दुसरो की लाए भीड़ में सिर्फ सक्ति प्रदर्शन करने प्रयास रहा वही पंडाल के भीतर विश्वस्त सूत्रों ने पुष्टि किया की 50हज़ार कुर्सी लाई गई है लेकीन आधे से ज्यादा कुर्सी तो लगा ही नहीं जिसे किनारे में ढंक कर रखा गया था इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर भीड़ जुटाने में किए दावा खोखला ही था तभी तो मुखायाभ्यागत के माइक के पास आते ही चंद मिनटों में कुर्सी खाली हो गई जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भीड़ कितना रहा होगा।