जाज्वल्य न्यूज़ का बड़ा असर: डीईओ कार्यालय की मलाईदार RTE शाखा से व्याख्याता दिनेश राठौर मुक्त, कुर्सी से चिपके रहने का मोह अब भी बरकरार

जाज्वल्य न्यूज़ की खबर का एक बार फिर बड़ा असर देखने को मिला है। वर्षों से जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय में मलाईदार मानी जाने वाली RTE (शिक्षा का अधिकार) शाखा के नोडल पद पर पदस्थ व्याख्याता दिनेश राठौर को उनके पद से हटा दिया गया है। इस संबंध में विभाग द्वारा तत्काल प्रभाव से आदेश जारी करते हुए उन्हें अपने मूल विद्यालय में पदभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। विभाग के इस निर्णय को पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।सूत्रों की मानें तो लंबे समय से RTE शाखा में पदस्थ राठौर की कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। उनके कार्यकाल के दौरान स्कूलों में RTE के तहत हुए आबंटन को लेकर भी संदेह जताया जा रहा है।
भाजयुमो महामंत्री ने उठाई जांच की मांग
भाजयुमो महामंत्री सोनू यादव ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि दिनेश राठौर के कार्यकाल में स्कूलों में हुए RTE आबंटन की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगह कागज़ों में चल रहे स्कूलों को आरटीई का लाभ दिलवाया गया, जिससे सरकारी राशि का दुरुपयोग और बंदरबांट हुआ है। यदि शीघ्र जांच शुरू नहीं हुई, तो जिला शिक्षा विभाग के समक्ष उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
अब अन्य मलाईदार पदों पर भी मंडराने लगा खतरा
सिर्फ दिनेश राठौर ही नहीं, बल्कि उनके कार्यकाल में जिन शिक्षकों को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय सहित अन्य मलाईदार पदों पर अटैच किया गया था, उन पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही इन सभी की भूमिका की भी समीक्षा की जाएगी।जाज्वल्य न्यूज़ की विशेष टीम इन सभी मामलों की गहराई से पड़ताल कर रही है और जल्द ही उन सभी नामों का पर्दाफाश किया जाएगा, जो व्यवस्था के भीतर रहते हुए सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं।