युक्तियुक्तकरण निर्देश का तीखा विरोध: प्रदेश भर में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन।
प्रदेश भर के शिक्षक युक्तियुक्तकरण के दोषपूर्ण निर्देश के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन के नेतृत्व में आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में व्यापक प्रदर्शन किया गया। शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण की नीति को अव्यवहारिक और अमानवीय बताते हुए तत्काल इसे वापस लेने की मांग की है।
जांजगीर-चांपा जिले में प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए जिलाध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि यह फैसला शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने वाला है। उन्होंने जिला कलेक्टरेट में युक्तियुक्तकरण का विरोध करते हुए कहा, “शिक्षकों को इस नीति के बंधन में बांधने से पूरे शिक्षा तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।”
संघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष शरद राठौर ने युक्तियुक्तकरण की आलोचना करते हुए कहा, “प्राथमिक विद्यालयों में 60 बच्चों के लिए पांच कक्षाओं में केवल दो शिक्षकों की व्यवस्था कहां तक न्यायसंगत है? इसी तरह, मिडिल स्कूलों में विषय आधारित शिक्षा के लिए केवल तीन शिक्षक रखना शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा।”
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने 2 अगस्त को युक्तियुक्तकरण का निर्देश जारी किया था, जिसके तहत प्रदेश के 4000 से ज्यादा स्कूलों और 10,000 से अधिक शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाना है। इस निर्णय से शिक्षकों में गहरा आक्रोश फैल गया है। सरकार को इस फैसले के कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, जिसके मद्देनजर सरकार ने पहले ही कैविएट दायर कर दी है।
आज के प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष विकास सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष शरद राठौर, देवेंद्र साहू, अखिलेश राठौर, अवधेश राठौर, रामनरेश राठौर, राकेश तिवारी, लक्ष्मी देवांगन, विश्वनाथ कश्यप, पुरुषोत्तम साहू, और अन्य प्रमुख शिक्षक संघ के सदस्य शामिल थे। सभी ने एक स्वर में युक्तियुक्तकरण नीति की तीखी आलोचना की और इसे वापस लेने की मांग की।
संयुक्त शिक्षक संघ ने पहले ही 16 अगस्त को प्रदेश भर में प्रदर्शन की घोषणा की थी, जो आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अब सभी की नजरें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।