Wednesday, May 1, 2024
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भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थित बद से बख्तर शासन की उपेक्षा का शिकार,30 की जगह सिर्फ ,6 विद्यार्थी ने लिया प्रवेश।

ब्यूरो रिपोर्ट जाज्वल्य न्यूज़ जांजगीर चांपा।

प्रथम वर्ष में 30 सीटों में से मात्र 6 सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश।

जांजगीर-चाम्पा। चाम्पा मुख्यालय स्थित प्रदेश के एक मात्र भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएचटी ) पूरी तरह से शासन की उपेक्षा का शिकार है। वर्तमान में यहां प्रथम वर्ष में 30 सीटों में से मात्र 6 सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है जबकि 24 सीटें खाली हैं। प्रवेश की अंतिम तिथि 10 अगस्त तक निर्धारित है और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। राज्य शासन के ग्रामोद्योग विभाग द्वारा वर्ष 2007 में इसकी स्थापना की गई है मगर इतने बड़े संस्थान में अब तक पूर्ण कालिक प्राचार्य की नियुक्ति अब तक नहीं होसकी। इसके चलते यह संस्थान उपेक्षा का शिकार है। यहां बिलासपुर के उप संचालक हाथकरघा को प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी दी गई है वे इस संस्थान को पर्याप्त समय नहीं दे पाते। जिसके कारण संस्थान की स्थिति दिन ब दिन खराब हो रही है। इस वर्ष यहां तीनों वर्षके 67 विद्यार्थियों में केवल 9 विद्यार्थी ही पास हुए हैं। प्रथम वर्ष के 28 में से 23 विद्यार्थी फेल हुए हैं और 5 पास हुए हैंजबकि द्वितीय वर्ष में सभी 20 विद्यार्थी फेल हुए हैं। अंतिम वर्ष में 15 विद्यार्थी फेल और 4 पास हुए हैं। इस तरह 67 में से 58 विद्यार्थी फेल हो गए हैं। वहीं वर्ष 2022 में 57 विद्यार्थियों में से मात्र 17 विद्यार्थी पास हुए थे। यहां अव्यवस्था के चलते लोगों का मोह भंग हो रहा है। पहली वर्ष के 30 सीट में मात्र 7 विद्यार्थियों ने यहां प्रवेश लिया है। जो इस संस्थान के खुलने से लेकर अब तक का सबसे कम दाखिला है। गौरतलब है कि यहां 6 अतिथि शिक्षक और संविदा शिक्षक पदस्थ हैं जबकि मात्र तीन नियमित अध्यापकों की पदस्थापना हुई है जबकि प्राचार्य भी प्रभारी है। इसके कारण यहां अध्यापन भी ढंग से नहीं होता और दिनों दिन यहां दर्ज संख्या भी कम हो रही है।

क्या कहते हैं प्रभारी प्राचार्य

इस संबंध में आईआईएचटी चाम्पा के प्रभारी प्राचार्य डीडी धकाते आरोपी संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्ति का अधिकार शासन को है उनकी नियुक्ति यहां से नहीं हुई है। ग्रामोद्योग विभाग को इसकी जानकारी भेजी गई है। कार्रवाई वहां से नहीं हुई है इसलिए संविदा कर्मी सेवारत हैं। संस्थान में प्रवेश चालू है। 10 सितंबर तक प्रवेश दिया जाएगा। विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले रहे हैं इसमें हम क्या कर सकते हैं।

दुष्कर्म के आरोपी दे रहें सेवा।

इस संस्थान में कार्यरत संविदा रीडर पूर्णेश्वर रंगारी के विरूद्ध कोरबा जिले के उरगा थाने में भादवि की धारा 376 व 506 के तहत अपराध दर्ज है। कुछ दिन तक वह जेल भी रहा है। इसके बाद भी उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई नहीं हुई है जबकि अपराध दर्ज और गिरफ्तारी के बाद संविदा कर्मी की बर्खास्तगी का नियम है। उनके द्वारा यहां कार्य किए जाने से छात्राएं व महिला स्टाफ में भी एक तरह के भय का माहौल निर्मित है। क्योंकि उक्त रीडर पर काफी में नशीली दवा मिलाकर एक युवती को पिलाने व बेहोशी के हालत में उससे दुष्कर्म करने जैसे संगीन अपराध दर्ज है।

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