जिला पंचायत सदस्य कर रहें अपने हिसाब से काम नहीं करने वाले पंचायत के खिलाफ शिकायत ससुर सरपंच को भी नही छोड़ा।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सबसे बड़े जिला पंचायत चुनाव को माना जाता है ग्राम विकास को लेकर बड़े ही उम्मीद से पंच और सरपंच उम्मीदवार सहित ग्रामीणों ने चुनाव के मैदान में उतारकर समर्थन देते भारी मतों से जिताया था लेकिन जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 1 कुसुम कमल साव की कार्यकाल विवादों की साया से जुड़ा रहा आए दिन अपने मर्जी के हिसाब से काम नहीं करने वाले सरपंच सचिव के खिलाफ शिकायत करने उच्च अधिकारियों के पास चले जाते हैं जिससे कई तरह के विकास कार्यों में बड़ा बनते नजर आए जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 1 में जब से सदस्य चुने गए हैं तब से लेकर अब तक कई विवादों के घेरे में रहा वहीं नाम ना बताने के शर्त पर कई सरपंच सचिव ने प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है जबकि अपने चुनावी क्षेत्र से अलग क्षेत्र में कमीशन लेकर अपने जिला पंचायत सदस्य मद की राशि का दुरुपयोग भी किया है वही आने वाले स्तरीय पंचायत चुनाव में यदि वह भाग लेते हैं तो इस बार क्षेत्र की जनता सहित चुने गए जनप्रतिनिधि भी सबक सिखाने मैदान पर आगे आएंगे और यह रवैया से अधिकारी कर्मचारी भी खासा नाराज नजर आ रहें है आने वाले राजनीतिक कैरियर भी दांव पर लग चुका है क्योंकि गृह ग्राम सरखो में सरपंच लोचन साहू उनके ससुर हैं उनको भी शिकायत का सामना करना पड़ा बहू के शिकायत से पंच सरपंच सहित पंच ग्रामीण भी परेशान है अपने मत से पंचायत को दिए गए राशि आवंटन के बाद सरपंच सचिव के ऊपर दबाव बनाते हुए स्वयं कार्य करने की बात कहते हुए कार्य कराया जिसके मूल्यांकन सत्यापन कराया बिना प्रथम किस्त की राशि दबाव पूर्वक जारी कराए गए जबकि दूसरी किस्त की राशि को मूल्यांकन सत्यापन के बिना पंचायत के खाते में नहीं होने के बाद भी लगातार फर्जी शिकायत कर सरपंच सचिव के ऊपर मानसिक दबाव बनाने की प्रयास कर रहे हैं जबकि संबंधित सरपंच सचिव का कहना है की कार्य संबंधित जिला पंचायत सदस्य ने कराया है जिसका मूल्यांकन सत्यापन के बाद द्वितीय की स्थिति की राशि पंचायत के खाते में आने की बाद ही भुगतान होने की प्रक्रिया है जिसको लेकर वह मूल्यांकन सत्यापन कराए बिना भुगतान करने की दबाव बना रहे हैं ऐसे में नियम विरुद्ध सरपंच सचिव निर्माण कार्य की पूर्ण हुए बिना भुगतान करने अधिकृत नहीं है। जिसका भली भांति उच्च अधिकारी परिचित है जिसके कारण शिकायत पर किसी तरह की कार्यवाही नही होने से विचलित सदस्य ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से करके पंचायत पर दबाव बनाते विकास कार्य में बड़ी भ्रष्ट्राचार करने के फिराक में है कई पंचायत में प्रथम किस्त की राशि जारी करवा खाता में ट्रांसफर करा दिए और स्वीकृति राशि की पूर्ण भुगतान बिल थमा दिया गया है अब संबंधित सरपंच सचिव जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ लाम बंद होने मन बना लिए है और अपना लिखित जवाब कलेक्टर और उच्च अधिकारियों से करने रणनीति बना रहें।