जांजगीर चांपा

जिला को बाल विवाह मुक्त करने अभियान के साथ-साथ हस्ताक्षर अभियान को लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज कराने चलाया जा रहा विशेष अभियान 

 

जांजगीर-चांपा जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने विशेष पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत गांव-गांव और शहरों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसमें बाल विवाह के दुष्प्रभाव और कानूनों की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, हस्ताक्षर अभियान और शपथ ग्रहण कार्यक्रमों के जरिए लोगों को इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।इस पहल को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने की तैयारी भी की जा रही है।बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने सख्त कानून बनाए हैं, लेकिन इन पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाई है। 2024-25 में जांजगीर-चांपा जिले में 21 बाल विवाह रोके गए। जागरूकता बढ़ाने के लिए जिले में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।प्रशिक्षण में शादी के कार्ड में वर-वधू के जन्मदिन का उल्लेख और थाने में विवाह कार्ड की जानकारी देने जैसे सुझाव सामने आए। जिला अधिकारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विवाह से जुड़ी जानकारी रखने और बाल विवाह रोकने के लिए तत्पर रहने के निर्देश दिए।जिला परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकासद्वारा चलाया जा रहा अभियान में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय समेत 5000 लोगों ने हस्ताक्षर कर बाल विवाह रोकने का समर्थन किया। लगातार हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा और लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज कराने की प्रयास से जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

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