बाबा कालेश्वरनाथ की नगरी पीथमपुर में आज चांदी की पालकी में नांगा साधुओं के साथ निकलेगी भव्य शिव बारात

जांजगीर-चांपा – बाबा कालेश्वरनाथ की नगरी पीथमपुर आज ऐतिहासिक और भव्य शिव बारात के आयोजन का साक्षी बनेगा। इस धार्मिक उत्सव में भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति को दूल्हे के स्वरूप में विशेष रूप से सजाया जाएगा। बारात चांदी की पालकी में निकाली जाएगी, जिसमें हजारों श्रद्धालु झांकियों के साथ शामिल होकर इस पावन परंपरा को जीवंत बनाएंगे।
400 वर्षों से चली आ रही परंपरा, नागा साधुओं की होगी भव्य उपस्थिति
इस ऐतिहासिक आयोजन की खास बात यह है कि यह परंपरा लगभग 400 वर्षों से लगातार चली आ रही है। इस आयोजन में बड़ी संख्या में नागा साधु भी भाग लेंगे, जो इस भव्य बारात की आध्यात्मिक भव्यता को और अधिक बढ़ाएंगे।
उज्जैन के बाद दूसरी जगह जहां होता है साधुओं का शाही स्नान
यह धार्मिक आयोजन इस मायने में भी विशेष है कि उज्जैन के बाद यह भारत में दूसरी जगह है, जहां साधुओं का शाही स्नान आयोजित किया जाता है। इस दौरान देशभर से आने वाले साधु-संत हसदेव नदी के पवित्र जल में स्नान कर शिव भक्ति में लीन होंगे।
गंगा आरती की तर्ज पर होगी मंदिर घाट पर भव्य आरती
शाम के समय मंदिर घाट पर भव्य आरती का आयोजन किया जाएगा, जो वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती की तर्ज पर होगा। इस दौरान भक्तों द्वारा दीपदान किया जाएगा और पूरा वातावरण “हर-हर महादेव” के जयघोष से गूंज उठेगा।
हसदेव नदी के तट पर स्थित स्वयंभू शिवलिंग का विशेष महत्व
पीथमपुर स्थित बाबा कालेश्वरनाथ का मंदिर हसदेव नदी के तट पर स्थित है, जहां स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है। मान्यता है कि यहां शिवलिंग की स्थापना स्वयं महादेव की कृपा से हुई थी, और यही कारण है कि यहां शिवरात्रि एवं अन्य धार्मिक अवसरों पर भक्तों का विशाल सैलाब उमड़ता है।
श्रद्धालुओं में उत्साह, बड़ी संख्या में जुटेंगे भक्तगण
इस भव्य आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। दूर-दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस ऐतिहासिक शिव बारात में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
इस आयोजन से पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना हुआ है और सभी श्रद्धालु इस अनोखी शिव बारात के दर्शन करखुद को धन्य मान रहे हैं।