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चांपा शहर में किसी बड़े नेताओ के नाम के आड़ में धड़ल्ले से कई कॉलोनी एवं अवैध प्लाटिंग का कार्य जोरों पर है ,कृष्णा हॉटल के पास रेल्वे के रास्ते दम पर प्लाट काट बेच रहे हैं।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा::जांच टीम द्वारा इतना देरी करना ही लोगों के जहन में कई सवाल पैदा कर रहे हैं जबकि चांपा शहर के आसपास अवैध प्लाट की भंडार लगा हुआ है एवं शहरों के बीचो बीच कई अवैध कॉलोनी का निर्माण हो चुका है इसके बाद भी नगर पालिका प्रशासन के कार्यवाही करने हाथ कांप रहें हैं बताया जा रहा है शहर के बीचो बीच कॉलोनी निर्माण करने वाले के ऊपर बड़े नेताओ के बल पर अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनी बनाने के कार्य लगातार चल रहे हैं, इसी को लेकर जांजगीर में तो धरातल पर कार्रवाई शुरू हो गई है, लेकिन चांपा में कार्रवाई अभी शुरू तक नहीं हुई है। आज से हमनें शहर में हुई अवैध प्लाटिंग की ग्राउंड रिपोर्टिंग शुरू की है। हमनें रेलवे स्टेशन के पास कृष्णा होटल के आसपास बड़ी मात्रा में प्लाटिंग हुई है, जिसे अवैध बताया जा रहा है।

गौरतलब है कि कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने जांजगीर और चांपा में अवैध प्लाटिंग व अवैध कालोनी निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दोनों जगह टीम गठित की है। हफ्ते भर बाद भी जांच टीम की एक भी कार्रवाई प्रकाश में नहीं आई है। आज हमनें रेलवे स्टेशन के पास कृष्णा हॉटल के आसपास हुई प्लाटिंग का जायजा लिया। इस प्लाटिंग के संबंध में जानकारी जुटाने पर पता चला कि यहां प्लाटिंग करने के लिए नगरपालिका से विधिवत अनुमति नहीं ली गई है, जिसके चलते प्लाटिंग से होने वाली राजस्व की आय से नगरपालिका वंचित हो गई। इसके अलावा संबंधित यह जमीन आवासीय के बजाय किसी अन्य प्रयोजन की बताई जा रही है। बहरहाल, कलेक्टर की गठित टीम की जांच से ही ये स्पष्ट हो सकेगा कि यहां हुई प्लाटिंग वैध है या फिर अवैध। बताया जा रहा है यहां बड़े पैमाने पर भूमि की प्लाटिंग तीन से चार लोगों ने की है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि यहां की ज्यादातर प्लाटिंग की बिक्री हो चुकी है। यहां की सबसे बड़ी समस्या रास्ते की है, क्योंकि यहां के रहवासी के लिए सिर्फ एकमात्र रास्ता रेलवे का है। इस रास्ते के लिए भी यहां के लोगों ने रेलवे से लंबा सघर्ष किया है, तब जाकर यह रास्ता उन्हें नसीब हुआ है। लेकिन अभी इन्हीं रास्ते के दम पर यहां बड़े पैमाने पर प्लाटिंग हुई है।

नगरपालिका को हो रहा राजस्व नुकसान
चांपा शहर की बात करें तो यहां अर्से से प्लाटिंग का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। कई नामी गिरामी लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि प्लाटिंग से जो राजस्व की आय नगरपालिका को होती है, उससे नपा पूरी तरह वंचित हो जा रही है। जबकि नगरपालिका के हिस्से का राजस्व प्लाटिंग करने वाले लोग ही डकार ले रहे हैं, जिसके चलते नगरपालिका की आर्थिक स्थिति भी मजबूत नहीं हो पा रही है। चांपा में जहां-जहां प्लाटिंग हुई है, वहां से यदि नगरपालिका को राजस्व मिले तो ये रकम ही करोड़ों में होगी। अब देखना होगा कि क्या कलेक्टर की गठित जांच टीम इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करती है या नहीं, बड़ा सवाल है।

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