इस वर्ष भी लौह पुरुष की जयंती पर काला साया का डर भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़ा ऐतिहासिक सरदार पटेल उद्यान, शाम ढलते ही पसर जाता अंधेरा नागरिकों में आक्रोश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाने के आह्वान के बावजूद जिला मुख्यालय स्थित सरदार पटेल उद्यान की दुर्दशा जस की तस बनी हुई है। शहर के सबसे पुराने उद्यानों में से एक यह स्थल नगर पालिका और राजनीतिक उदासीनता के कारण अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। उद्यान में स्थापित सरदार पटेल की प्रतिमा भी अंधेरे में डूबी रहती है, जिससे शहर के लोग और अनुयायी बेहद नाराज हैं।
शहर के नागरिक इस ऐतिहासिक उद्यान में 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती मनाने के लिए जुटेंगे, परंतु इसकी दयनीय स्थिति को लेकर असंतोष बना हुआ है। पिछले 5 वर्षों में नगर पालिका ने उद्यान के रखरखाव के नाम पर केवल भाई-भतीजावाद का सहारा लिया है, लेकिन सुधार के कोई ठोस कदम नहीं उठाए। नतीजतन, शाम होते ही उद्यान में अंधेरा छा जाता है, और पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण उद्यान का अधिकांश हिस्सा बंजर भूमि में तब्दील हो चुका है।स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासनिक उपेक्षा और राजनीति के चलते सरदार पटेल उद्यान का यह हाल हुआ है। अब देखना होगा कि नगर सरकार और नगरी प्रशासन इस दिशा में उचित कदम उठाते हैं या नहीं।
इस संबंध में जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप में कहा कि आने वाले समय में सरदार वल्लभभाई पटेल उद्यान अपने ऐतिहासिक उद्यान के नाम से दिखेंगे निश्चित रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल उद्यान राजनीति से अछूते नहीं रहे और बहुत ज्यादा इसका स्वरूप बदलेगा जो लोगों को लोह पुरुष उद्यान में आने से ही सुकून और गर्व महसूस होगा सरदार पटेल की जयंती मनाने लोगों को किया अपील कहा हमारी सामाजिक धरोहर