जांजगीर चांपा

पनोरा पंचायत की नवनिर्वाचित सरपंच शपथ ग्रहण से वंचित, रोजगार सहायक की लापरवाही उजागर।

बलौदा (जांजगीर-चांपा)। जनपद पंचायत बलौदा के ग्राम पंचायत पनोरा में नवनिर्वाचित सरपंच और पंचों के लिए प्रथम सम्मेलन एवं शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाना था। जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए आदेश जारी किया गया था, जिसमें रोजगार सहायिका रवीना यादव को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया था। लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम निर्धारित समय पर नहीं हो सका।

फर्जी तरीके से शपथ ग्रहण कर की गई खानापूर्ति।

नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अनुसार, पंचायत में निर्धारित स्थान पर सम्मेलन व शपथ ग्रहण नहीं हो सका। बाद में आनन-फानन में जनपद पंचायत की टीम ने कुछ पंचों को अन्यत्र ले जाकर औपचारिक फोटो खींचकर खानापूर्ति कर दी। नवनिर्वाचित सरपंच चंद्र नारायण भार्गव ने आरोप लगाया कि उन्हें इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई, और कुछ पंचों को अनाधिकृत तरीके से शपथ दिलवाई गई। उन्होंने इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से करने की बात कही है।

रोजगार सहायक की गैरमौजूदगी बनी बाधा।

ग्राम पंचायत पनोरा में नियुक्त रोजगार सहायिका रवीना यादव शादी के बाद बिलासपुर में निवास कर रही हैं, जिससे पंचायत कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इसी कारण प्रथम सम्मेलन और शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो सका। उन्होंने प्रशासन से इस लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करने तथा जल्द से जल्द पुनः शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की मांग की है ताकि पंचायत के कार्य सुचारू रूप से संचालित किए जा सकें।

इस मामले पर जिला पंचायत सीईओ गोकुल कुमार रावटे ने कहा कि जनपद पंचायत की टीम द्वारा पनोरा ग्राम पंचायत में प्रथम सम्मेलन का कार्यक्रम संपन्न कराया गया है। अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि किसी जनप्रतिनिधि द्वारा शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

जनप्रतिनिधियों में रोष

क्षेत्र की जनसेवक इंजीनियर मंजूषा पाटले ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही से नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। उन्होंने दोषी कर्मचारियों पर उचित कार्रवाई करने तथा निष्पक्ष रूप से पुनः प्रथम सम्मेलन एवं शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की है।

इस पूरे मामले में पंचायत स्तर पर प्रशासनिक लापरवाही उजागर हुई है। नवनिर्वाचित सरपंच और पंच अपने अधिकारों से वंचित रह गए, जिससे पंचायत संचालन प्रभावित हो सकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।

 

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