जांजगीर चांपा

दिल्ली की तर्ज में बने लाल किला का खुला भ्रष्ट्राचार की परत,स्वतंत्रता दिवस समारोह अवसर पर पर्दे से ढंक किए छिपाने की प्रयास।

ब्यूरो रिपोर्ट जाज्वल्य न्यूज़ जांजगीर चांपा।

एक वर्ष पुर्व बने हाईस्कूल मैदान में दिल्ली के लाल किला की तर्ज में बने पूरी तरह ठेकादार को लाभ पहुंचाने और मैदान की क्षेत्रफल को छोटा करने के लिऐ ही याद किया जाएगा साथ अब मैदान में बने लालकिला जो हमे गैरांवित करने की बजाय भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ने की वजह से शर्मसार कर रही है मैदान में जाते भ्रष्ट्राचार की बू आती है बढ़िया स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किला को दुल्हन की तरह सजा जाने के बजाय पूरी तरह पर्दा डाल दिया है जिसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं आखिर वह लाल किला किस लिए बनाया गया है यदि ऐसे राष्ट्रीय त्योहार के दिनों में भी दुल्हन की तरह नही दिख पाया तो अन्य दिनो मे दिखाने का क्या फ़ायदा,आज पुनः याद आया कि किस तरह तत्कालीन कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला द्वारा चहते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए लगभग 85 लाख रूपये की राशि से डीएमएफ मद स्वीकृत किया था जिसको आनन फानन में हाईस्कूल मैदान में बना दिया गया हमारी विरगाथा के लिऐ याद किए जाने वाले लालकिला के नाम कमीशन खोरी जोरो से हुआ अंदाजा लगाया जा सकता है इतना छोटा निर्माण के लिए आखिर इतना भारी भरकम राशि का स्वीकृति देकर कैसे बंदरबाट किया गया वो कहावत है ना खोदा पहाड़ निकला चुहिया को चरितार्थ कर गया।

 

उठने लगी तोड़ने की मांग।

 

आम लोगो के साथ अब जिम्मेदार लोग भी जिला की एक मात्र बड़ा मैदान जिसमे सभी प्रमुख कार्यक्रम होते है जाजवाल्य लोक महोत्सव,स्वतंत्रता दिवस,गणतंत्र दिवस,दशहरा, दिवाली में फटाका दुकान सहित कई तरह के खेल का आयोजन होता है जिसके लिऐ मैदान के भीतर बने होने के कारण छोटा पड़ रहा है अब दबे जुबान मांग उठ रहा है उखाड़ फेंकने की और निर्माण में हुए भ्रष्ट्राचार को भी भुलाने के लिए जरूरी भी है साथ ही इनकी जांच कर जिम्मेदार के ऊपर कार्यवाही की भी जोरो मांग उठ रहा रहा है।

समय रहते ना किसी ने टोका ना रोका और रोकते भी कैसे बनते तक तो किसी को समझ ही नहीं आया कि आखिर निर्माण किसके द्वारा और कौन सी मद से हो रहा है बस निर्माण करने वाले के द्वारा लालकिला जैसा कुछ बनेगा करते-करते लालकिला के नाम से खूब भ्रष्ट्राचार कर गए।

नवनिर्मित फोटो

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