जांजगीर चांपा

जिला खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा का तबादला, रेत माफिया में मचा हड़कंप अवैध उत्खनन में 50% हिस्सा का की बात पर सरकार ने दिया बड़ा सबक।

 

जिले में खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा के तबादले के बाद रेत माफिया में हड़कंप मच गया है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लगातार अवैध खनन की शिकायतें की जा रही थीं, लेकिन उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी। आरोप है कि चेरपा के कार्यकाल में अवैध खनन को बढ़ावा मिला और इसमें 50% शेयर लेने की चर्चाएं भी जोर पकड़ रही थीं।राज्य सरकार ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सुशासन के अपने वादे को पूरा करते हुए हेमंत चेरपा पर कार्रवाई की और उन्हें विभाग में अटैच कर दिया। उनके कार्यकाल में जिले की खनिज संपदा का जिस प्रकार से दोहन हुआ, वैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला।जिले के 29 रेत घाटों में से केवल चार घाटों को ही ठेका दिया गया था, जबकि बाकी घाटों पर अवैध खनन बदस्तूर जारी रहा। आरोप है कि इन घाटों से मोटी रकम वसूल की जाती रही, और खनिज विभाग के अधिकारी पूरी तरह से मूकदर्शक बने रहे।

इसके अलावा, हेमंत चेरपा का मीडिया और जनप्रतिनिधियों के प्रति रुख भी सवालों के घेरे में था। उनकी नीतियों और व्यवहार के कारण उन्हें मंत्रालय में अटैच कर दिया गया है। यह कार्रवाई भविष्य में अधिकारियों के लिए एक सबक साबित हो सकती है।

अब नए खनिज अधिकारी अनिल साहू को जिले में खनिज संपदा के दोहन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह जिले में खनिज संपदा के संरक्षण और अवैध खनन पर कैसे लगाम लगाते हैं।

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