सरगुजा

महिला बाल विकास विभाग में भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप: सरगुजा जिले में पारिवारिक लाभ का मामला गरमाया

 

जिले में महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत मिशन शक्ति योजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं।जिले में मिशन समन्वयक, जेंडर विशेषज्ञ और डेटा एंट्री ऑपरेटर के तीन पदों पर भर्ती के लिए पात्र-अपात्र सूची जारी की गई है, जिसे लेकर शिकायतें और आरोप लग रहे हैं कि चयन समिति द्वारा परिवारवाद और पक्षपात किया गया है।

 

परिवारवाद और पक्षपात का आरोप

 

पात्र सूची में सबसे ज्यादा चर्चा मिशन समन्वयक के पद पर चयनित एक अभ्यर्थी को लेकर है। यह अभ्यर्थी जिला कार्यक्रम अधिकारी (तत्कालीन) और चयन समिति के सचिव की पुत्री बताई जा रही है। आरोप है कि उनकी पात्रता और अनुभव प्रमाणपत्र को प्राथमिकता देकर उन्हें नियुक्ति की दौड़ में सबसे आगे रखा गया है।

 

इसी प्रकार, डेटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर चयनित अभ्यर्थी, चयन समिति के सदस्य और कार्यालय अधीक्षक के पुत्र हैं। इनके अनुभव प्रमाणपत्र को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

 

फर्जी डिग्री और अनुभव प्रमाणपत्र का मामला

 

अभ्यर्थियों का आरोप है कि फर्जी डिग्री और अनुभव प्रमाणपत्रों के आधार पर चयन प्रक्रिया को प्रभावित किया गया है। इसके तहत जेंडर विशेषज्ञ पद पर भी सचिव की पुत्री को ही वरिष्ठता दी गई है।

 

दावा-आपत्ति और आगे की प्रक्रिया

 

जारी की गई पात्र-अपात्र सूची पर 20 नवंबर 2024 तक दावा-आपत्ति प्रस्तुत करने का समय दिया गया था। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभाग इस पर क्या कदम उठाता है और अभ्यर्थियों द्वारा उठाए गए आरोपों पर जांच कैसे की जाती है।

 

निष्पक्षता पर सवाल

 

इस मामले ने विभाग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अन्य अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन समिति के सदस्यों द्वारा पहले ही ऐसा बंदोबस्त कर लिया गया है जिससे शिकायतें और आपत्तियां खारिज हो जाएं।क्या होगा आगे?महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे इस मामले में निष्पक्ष जांच करें और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। अभ्यर्थियों और जनता को निष्पक्ष निर्णय का इंतजार है।यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है, और सभी की निगाहें विभाग कीअगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

Back to top button