जांजगीर चांपा

कृषि प्रधान जिला में फिर से धान खरीदी में घोटाला का मामला आया सामने।

ब्यूरो रिपोर्ट जाज्वल्य न्यूज़ जांजगीर चांपा।

जांजगीर चाम्पा जिला मे धान खरीदी मे फिर से बड़ी लापरवाही और घोटाला सामने आया है,यहां एक किसान ने बीज निगम और सहकारी बैंक के अधिकारियो से सांठ गाँठ कर शासन के आदेश को ठेंगा दिखाया है और एक ही रकबा मे लगे धान को बीज निगम और सहकारी बैंक मे बेच कर जिला प्रशासन की व्यवस्था को चुनौति दी है, इस मामले के पकड़ मे आने के बाद अधिकारी गड़बड़ी के लिए एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे है,वही बीजेपी ने इस मामले मे राज्य सरकार और जिला प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए दोषियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

 

नवागढ़ ब्लाक के खिसोरा गाँव के संत कुमार ने अपने खेत की फसल को 2022 मे बीज निगम मे बेचने के लिए पंजीयन कराया और उसी रकबा को दूसरे भाई ने सहकारी समिति मे पंजीयन करवाया और बड़ी ही चालाकी से दोनों स्थान मे 83 क्विंटल धान को बेंच दिया,बीज निगम ने 1 लाख 67 हजार रूपये प्रथम किस्त भुगतान कर दिया वही सहकारी समिति ने भी उसी रकबा का धान बेंचा और समर्थन मूल्य प्राप्त कर लिए इस घोटाला को ना तो बीज निगम ने पकड़ा और ना है सहकारी समिति पकड पाया,, ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर ने पंजीयक से जाँच कराई और मामले का खुलासा हुआ, अब बीज निगम ने किसान को राशि जमा करने के लिए नोटिस जारी किया है,

 

इस मामले मे भारतीय जनता पार्टी के नेता ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को आड़े हाथ लिया है, उन्होंने कहाँ ये तो एक मामला खुलासा हुआ है अगर सहकारी समिति और बीज निगम के खरीद बिक्री का जाँच किया जाए तो बड़े रैकेट का खुलासा होगा, इसमे बीज निगम के अधिकारी और सहकारी समिति के नोडल अधिकारियो का सांठ गाँठ है, किसान से वसूली के अलावा दोषी अधिकारियो पर कार्रवाई की मांग की है, वही सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी ने संस्था मे धान खरीदने वाले के खिलाफ जाँच के बाद कार्रवाई का दावा कर रहे है,

 

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने इस वर्ष धान खरीदी मे पारदर्शिता लाने के लिए समिति स्तर से लेकर जिला और राज्य स्तर मे भी मॉनिटरिंग की व्यवस्था करने का दावा किया था लेकिन बीज निगम और जिला सहकारी बैंक के नोडल की मिली भगत से एक ही पर्ची का धान दोनों स्थानों मे खरीद लिए गए,मामले ने अब दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी इस पर सबकी निगाह टिकी है और खान खरीदी के मामले मे बड़ा खुलासा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

पूर्व में हुए फर्जी तरीके से करोड़ों की घोटाला में अब तक बारीकी से कार्यवाही ना हो पाई और ठंडे बस्ते में डाल दिया गया अब दूसरी घोटाला सामने आ गई है पूर्व में सरकारी जमीन का पंजीयन कर बड़ी घोटालों अंजाम दिया गया था वह घटना की याद ताजा कर गई जिसे प्रशासन की चौकन्ना व्यवस्था पर ग्रहण लग गई।

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