जांजगीर चांपा

जांजगीर-चांपा में थाईलैंड के अरुण देव मंदिर के तर्ज पर बन रहा भव्य पंडाल, 35 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा होगी मुख्य आकर्षण

जांजगीर-चांपा, जिला पूरे छत्तीसगढ़ ही नही बल्कि देश में दुर्गा मूर्ति की भव्यता के लिए मशहूर है इस बार नवरात्रि के अवसर पर छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में श्री श्री दुर्गा सेवा उत्सव समिति नैला द्वारा एक भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है, जो थाईलैंड के अरुण देव मंदिर के तर्ज पर होगा। इस पंडाल में मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो पांच शेरों पर सवार स्वर्णिम रथ में विराजमान होंगी। प्रतिमा को सोने, चांदी, हीरे और मोतियों से जड़ित स्टोन के गहनों से सजाया जाएगा, जिसे भटगांव के कारीगर प्रदीप देवांगन और उनकी 12 सदस्यीय टीम द्वारा बनाया जा रहा है।

समिति के सदस्यों ने बताया कि 41 वर्षों से यह आयोजन हो रहा है, और हर साल इसे देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। इस बार भक्तों के लिए 160 फीट ऊंचे और 150 फीट चौड़े पंडाल का निर्माण किया जा रहा है, जो बंगाल के 35-40 कारीगरों द्वारा पिछले 40 दिनों से तैयार किया जा रहा है। पंडाल में मां दुर्गा के साथ भगवान शिव और उनके परिवार की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी। शेरों की प्रतिमा की ऊंचाई 12 से 15 फीट होगी, और मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल साड़ी से सजाया जाएगा।

 

इस वर्ष पंडाल की लाइटिंग को बुर्ज खलीफा के तर्ज पर सजाया जा रहा है। लाइटिंग का काम कोलकाता के प्रसिद्ध रियाज अहमद और उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है, जो इसे रात में और भी भव्य बनाएगा। दुर्ग से साउंड सिस्टम मंगवाया गया है, हालांकि प्रशासन की अनुमति को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति है।

 

यह आयोजन 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जिसमें पहले ही दिन से भक्त मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने पहुंच सकेंगे। आयोजन की लागत 1 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। पंडाल के अंदर 1500 से अधिक भक्त एक साथ दर्शन कर सकेंगे, और उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। पंडाल के बाहर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों और एंबुलेंस की सुविधा रहेगी, साथ ही पुलिस कर्मियों की तैनाती भी की जाएगी। यातायात व्यवस्था के लिए भी योजना बनाई जा रही है।

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