ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर चांपा।
जांजगीर-चांपा। गोधन न्याय योजना में पंजीकृत पशुपालकों को गौठान में गोबर बेचने के लिए प्रेरित करें और गोबर प्राप्त होने के बाद वर्मी कम्पोस्ट टैंक में डालकर निर्धारित समय सीमा में जैविक खाद तैयार करें। जैविक खाद तैयार होने के बाद उसे सहकारी सोसायटी के माध्यम से विक्रय कराया जाना सुनिश्चित करें। यह बात शुक्रवार को नवागढ़ जनपद पंचायत में गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक लेते हुए जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल ने कृषि विभाग एआरईओ एवं महात्मा गांधी नरेगा तकनीकी सहायक से कही।
जिपं सीईओ ने गोधन न्याय योजना के तहत एक-एक गोठान की सिलसिलेवार समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की प्रतिदिन रिपोर्टिंग की जाती है, इसलिए योजना के सभी कार्यों को गंभीरता के साथ करें। उन्होंने कहा कि गांव में पशुपालकों की संख्या के अनुसार गोधन न्याय योजना में उनका पंजीयन कराएं और उन्हें प्रेरित करते हुए गोबर खरीदी कराएं। प्रत्येक गोठान सक्रिय गोठान के रूप में दिखनी चाहिए। जिपं सीईओ ने समीक्षा बैठक से अनुपस्थित एवं कार्य में लापरवाही बरतने वाले कृषि विभाग के एआरईओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्व सहायता समूह को प्राप्त लाभांश का भुगतान एवं पशुपालकों का भुगतान उनके खाते में पहुंचे इसका ध्यान रखा जाए। अगर कहीं पर बैंक खाते को लेकर दिक्कत आ रही है तो उसका निदान करें। उन्होंने गोधन न्याय योजना एप की जानकारी लेने और प्रतिदिन एप को खोलकर देखने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि विभाग उपसंचालक एम.डी.मानकर, जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल कुमार सहित जिला, जनपद पंचायत अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।
सोसायटी समय पर उठाएं जैविक खाद
जिपं सीईओ ने कहा कि गोठान में स्व सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के बाद उसे बोरियों में पैक करके रखा जा रहा है। पैक होने के बाद उसे सहकारी सोसायटी द्वारा समय सीमा के भीतर उठाव कराया जाए। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा योजना को गंभीरता से लिया जाए, किसी तरह की कोई भी कोताही इस कार्य में न बरती जाए।
समय सीमा में कराएं गोठान पूर्ण
जिपं सीईओ ने कहा कि प्रगतिरत गोठान को समय सीमा के भीतर पूर्ण कराया जाए। गोठान में सीपीटी, पानी टंकी, कोटना, वर्मी कम्पोस्ट टैंक सहित सभी कार्य पूर्ण होने होने के बाद उसे गोधन न्याय योजना में पंजीकृत कराएं। उन्हांेने मनरेगा के तकनीकी सहायकों को प्रतिदिन गोठान की मॉनीटरिंग करते हुए कार्यों को पूर्ण कराने कहा।