राज्यभर के थानों में अब गाली-गलौज, मारपीट, पुलिसकर्मियों और फरियादियों की बातचीत का ब्योरा कैमरे में कैद होगा। इसके लिए सभी थानों में आधुनिक ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग कैमरे लगाए जाएंगे।
लॉकअप से इन्वेस्टिगेशन रूम तक चौबीस घंटे रिकॉर्डिंग होगी। इन कैमरों को लगाने में 5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सिर्फ रायपुर के 32 थानों पर कुल करीब 128 कैमरे लगाए जाएंगे। अब पुलिस मुख्यालय ने टेंडर की प्रक्रिया शुरु कर दी है। दरअसल थानों पर वर्तमान में जो कैमरे लगे हैं, उनमें आवाज की रिकॉर्डिंग नहीं होती है। ऐसे में थानों में अभद्रता, गाली-गलौज, मारपीट, शिकायत दर्ज नहीं करने जैसे आरोप लगने पर जांच बेहद मुश्किल होता है। इसलिए सभी थानों में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग कैमरे लगाने काे लेकर पुलिस मुख्यालय ने प्लान बनाया था।18 महीने तक का रहेगा डाटा हर थाने में लगेंगे 4 कैमरे अफसरों के मुताबिक प्रत्येक थाने में 4 ऑडियो-वीडियो रिकाॅर्डिंग कैमरे लगाए जाएंगे। राज्यभर के 450 थानों में करीब 1800 कैमरे लगेंगे। इनमें रायपुर में 128 कैमरे लगेंगे। थाना प्रभारी के कमरे में इसका कंट्रोल रूम होगा, जहां बड़ी स्क्रीन लगाकर रिकॉर्डिंग डाटा स्टोर किया जाएगा।हर थाने में लगेंगे 4 कैमरेअफसरों के मुताबिक प्रत्येक थाने में 4 ऑडियो-वीडियो रिकाॅर्डिंग कैमरे लगाए जाएंगे। राज्यभर के 450 थानों में करीब 1800 कैमरे लगेंगे। इनमें रायपुर में 128 कैमरे लगेंगे। थाना प्रभारी के कमरे में इसका कंट्रोल रूम होगा, जहां बड़ी स्क्रीन लगाकर रिकॉर्डिंग डाटा स्टोर किया जाएगा।मोबाइल से कैमरे रहेंगे कनेक्टअफसरों के मुताबिक थानों में लगने वाले आधुनिक ऑडियो-वीडियो रिकाॅर्डिंग कैमरे न सिर्फ थानों की स्क्रीन बल्कि मोबाइल से भी कनेक्ट रहेंगे। थानेदारों के मोबाइल से कैमरों को जोड़ दिया जाएगा। थाने से बाहर रहने पर भी मूवमेंट देखा जा सकेगा।इनकी जांच में मिलेगी मदद थानों में पीड़ितों से अभद्रता और वसूली की शिकायतें पीड़ित और पुलिसकर्मियों के बीच बातचीत का विवरण थानों में कस्टोडियल डेथ की घटनाओं की जांच में आसानी थानों के घेराव या प्रदर्शन करने पर पुलिस पर अभद्रता और मारपीट के आरोप।थानों में महिलाओं और नाबालिगों से अभद्रता की शिकायतों की जांच में मदद।रायपुर समेत राज्यभर के थानों में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग कैमरे लगाने टेंडर प्रक्रिया चल रही है। योजना पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जल्द ही कैमरे लगाने का काम शुरु होगा। – प्रदीप गुप्ता, आईजी, योजना एवं प्रबंधन, पीएचक्यू।