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अपने पूर्व अधिकारी को नोटिस थमाने कांप रहे हाथ, प्रशिक्षु आईएएस एवं मुख्यनगरपालिका अधिकारी की डांट पड़ी तो भगवान को थमा दिया नोटिस।

 

जिधर-जिधर भाजपा-कांग्रेस के बड़े नेताओं, अधिकारियों का मकान उधर नापने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा सिंचाई विभाग।

 

सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो गए सिंचाई विभाग के अफसर नोटिस देकर जवाब मांगने की जगह दिया सीधा अतिक्रमण हटाने का आदेश।

 

कुछ दिनों पहले सिंचाई विभाग के पूर्व कार्यपालन यंत्री द्वारा सिंचाई विभाग की बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण कर मकान एवं काम्पलेक्स बनाए जाने का मुद्दा मीडिया में जोर शोर से उछला तो अपने पूर्व अधिकारी को नोटिस देने के नाम से ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों के हाथ कंपकंपाने लगे, अंत में उन्होंने नहर से संबंधित नक्शा गुम हो जाने की बात कहते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए वहीं प्रशिक्षु आईएएस ने जब मुख्य नगर पालिका अधिकारी के प्रभार में रहते नहर किनारे स्थित लगभग आधा सैकड़ा घरों में पानी भरने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई तो आनन फानन में नहर के एक ओर का नाम कर अधिकारियों ने 45 से ज्यादा लोगों को नोटिस थमा दिया, जिन लोगों के नाम से नोटिस जारी की गई है उनमें भगवान से लेकर मृत व्यक्ति तक का नाम शामिल है, खास बात यह है कि नहर के सिर्फ एक ओर की नाप सिंचाई विभाग के अधिकारियों के द्वारा कराई गई है, जिधर जिधर कांग्रेस भाजपा के बड़े नेताओं सहित सिंचाई विभाग के अधिकारियों का मकान है उस तरफ के लोगों को नोटिस देना तो दूर नाप करने की हिम्मत भी सिंचाई विभाग नहीं जुटा पाया है।

 

सिंचाई विभाग के पूर्व कार्यपालन यंत्री शत्रुहन यादव द्वारा आईबी रोड में नहर किनारे सिंचाई विभाग की बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण कर काम्पलेक्स और मकान निर्माण कर लिए जाने का मुद्दा कुछ समय पूर्व ही मीडिया में जोर शोर से उछला था। मामले ने जब ज्यादा तूल पकड़ा और सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर कार्यवाही के लिए दबाव बनना प्रारंभ हुआ तो सिंचाई विभाग के अफसरों ने अपने पूर्व ईई के खिलाफ कार्यवाही करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि उनके पास का नक्शा गुम हो गया है इसलिए नहर किनारे कहां पर उनकी कितनी भूमि है इसका पता ही उन्हें नहीं है वहीं दूसरी ओर कुछ दिनों पूर्व मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार संभालते समय प्रशिक्षु आईएएस रोमा श्रीवास्तव के पास जब नहर किनारे स्थिति कुछ मकानों में पानी भरने की जानकारी सामने आई तब मौके पर पंहुचकर उन्होंने सिंचाई विभाग के अफसरों को बुलाकर उन्हें फटकार लगाई तो आनन फानन में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के द्वारा नहरिया बाबा रोड में नहर के एक ओर का नाप कर वहां के लोगों को नोटिस देने की कार्यवाही इन दिनों की जा रही है, कुछ दिनों पहले तक अपने ही विभाग के पूर्व कार्यपालन यंत्री के अतिक्रमण को जांचने सिंचाई विभाग के जिन अफसरों के पास नहर का नक्शा नहीं था उन अधिकारियों कर्मचारियों ने वार्ड नंबर 8 में स्थित शिव मंदिर के नाम से भगवान शंकर को भी नोटिस थमा दिया है। नहरिया बाबा मार्ग पर 45 से ज्यादा लोगों को सिंचाई विभाग के द्वारा नोटिस जारी किया गया है।

 

 

 

जिधर बड़े नेताओं-अधिकारियों का मकान उधर नापने की भी हिम्मत नहीं।

 

 

जिला मुख्यालय में बड़ी नहर विवेकानंद मार्ग के दोनों ओर है जिसमें नहरिया बाबा मार्ग की ही ओर के सिर्फ बायीं ओर के नहर का नाप सिंचाई विभाग के अधिकारियों के द्वारा किया जाकर सिर्फ उन्हीं लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया है नहर के दोनों ओर सिंचाई विभाग की जमीन समान होनी चाहिए वहीं नहरिया बाबा मार्ग में बांई ओर की अपेक्षा दाई ओर के मकान नहर से ज्यादा करीब बने हुए नजर आते हैं लेकिन उस मार्ग में भाजपा कांग्रेस के बड़े नेताओं के मकान है इसलिए उधर नापने की भी हिम्मत सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारी नहीं जुटा पा रहे हैं यही स्थिति विवेकानंद मार्ग से आईबी रेस्ट हाऊस की ओर जाने वाली नहर की भी है यहां भी सिंचाई विभाग के पूर्व अधिकारी का मकान नहर से लगकर है जिसकी वजह से नाप ही नहीं किया गया। प्रशिक्षु आईएएस एवं तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी रोमा श्रीवास्तव की जांच में नहर किनारे के 50 से ज्यादा घरों में पानी भरे होने का कारण नाली से पानी निकासी नहीं होना पाया गया था जिसका एक बड़ा कारण नहरिया बाबा मार्ग से नैला मुख्य मार्ग में एसबीआई के पास से गुजरने वाली छोटी नहर का जाम होना भी है, नहरिया बाबा मार्ग में बड़ी नहर से जब छोटी नहर निकलती है तो नहर के दोनों सिरे पर सिंचाई विभाग की काफी जमीन नजर आती है वहीं जहां पर वह छोटी नहर नैला मुख्य मार्ग के नीचे से गुजरती है वहां पंहुचते पंहुचते नहर के दोनों किनारे की जमीन गायब होकर सिर्फ नहर के ऊपर ही संकरी गली दिखाई पड़ती है वहां भी बड़े नेताओं और प्रभावशाली लोगों के डर से सिंचाई विभाग ने नोटिस देना तो दूर नाप करने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।

 

 

नहर किनारे सिंचाई विभाग की जमीन असमान लेकिन एक समान मानकर की गयी नाप

 

 

 

नहरिया बाबा मार्ग में ही सिंचाई विभाग की जमीन नहर बनने के बाद से ही काफी असमान नजर आते रही है, वार्ड नंबर 8 स्थित शिव मंदिर के पहले बीटीआई चौक की ओर जहां नहर के किनारे 40-45 फीट तक ही सिंचाई विभाग की जमीन नजर आती है वहीं शिव मंदिर के ठीक बाद नहरिया बाबा की दिशा में दो सौ फीट से ज्यादा दूरी तक सिंचाई विभाग की जमीन नजर आती है लेकिन सिंचाई विभाग के द्वारा पूरी जमीन को एक बराबर मानते हुए लोगों को नोटिस जारी किया जा रहा है।

 

 

2016 में जिनका मकान वैध वो भी हो गए अतिक्रमणकारी

 

 

नहरिया बाबा मार्ग में 2016 में भी अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व विभाग एवं नगर पालिका की ओर से मुहिम चलाया गया था तथा जेसीबी मंगाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी, वर्तमान में जिन लोगों को नोटिस जारी किया जा रहा है उनमें एक बड़ी संख्या उन लोगों की है जो उस समय अतिक्रमण कारी नहीं थे तथा जिनकी जमीन को सही माना गया था, उसके बाद से उन लोगों ने अपने मकानों में किसी तरह का कोई निर्माण भी नहीं किया है उसके बाद भी उन लोगों को अतिक्रमणकारी मानकर उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। कुछ लोग तो ऐसे हैं जिनके मकान को बने 25-30 साल हो गए हैं तथा जिन्होंने राजस्व विभाग द्वारा बतायी भूमि पर ही अपना मकान निर्माण उसी समय किया है ऐसे लोगों को भी अतिक्रमणकारी मानते हुए उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है।

 

 

नोटिस में सुनवाई का समय नहीं सीधा हटाने का आदेश

 

 

देश का सबसे बड़ा न्यायालय सुप्रीम कोर्ट भी किसी मामले की सुनवाई करता है तो संबंधित आरोपी को दोषी ठहराने से पहले वह उन्हें सुनवाई का अवसर उपलब्ध कराता है वहीं दूसरी ओर सिंचाई विभाग के अफसर अपने आपको उससे भी बड़ा मानने लगे है यही वजह है कि उन्होंने सीधे सभी लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें 7 दिवस के भीतर अतिक्रमण हटाने का फरमान जारी किया है।

 

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