सीएसपीएल के प्रदूषण से परेशान हैं अमझर के ग्रामीण। स्लग। भूजल दोहन मामले में बंद हुआ था पॉवर प्लांट।

जांजगीर-चांपा::जाज्वल्य न्यूज़:: छत्तीसगढ़ स्टील एंड पावर लिमिटेड अमझर के चिमनी इस समय जहर उगल रही है। अमझर के ग्रामीण पॉवर प्लांट के प्रदूषण के भारी परेशान हैं। पर्यावरण के मापदंड को दरकिनार करते हुए यहाँ पर एक नहीं, बल्कि दो और भी फैक्ट्री है। जिसके प्रदूषण से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है।फिर भी पर्यावरण विभाग मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2005 में चाम्पा के हरि अग्रवाल और बहेराडीह के युवा कृषक मित्र दीनदयाल के शिकायत पर राज्यपाल के निर्देश पर चाम्पा एसडीएम ने शिकायतकर्ता के समक्ष भूजल दोहन करते छः ट्यूबवेल पकड़ा गया था। हसदेव नदी से पानी लेकर बिजली तैयार करने की बात कहते हुए प्रशासन को झूठ बोल कर नियम विरुद्ध भूजल दोहन करके विजली बनाने की शिकायत सही पाया गया। जिससे सीएसपीएल लंबे समय तक बंद रहा। इसी तरह की कार्यवाही शेषा शैला पॉवर प्लांट सोंठी चाम्पा के विरुद्ध भी हुई। वह फैक्ट्री आज भी बंद पड़ा हुआ है। मगर भूजल दोहन जैसी गंभीर अपराध करने वाले जिले के दोनों पॉवर प्लांट पर अभी तक शासन की ओर से जुर्माना नहीं लगाया जाना शिकायत कर्ताओं को समझ में नहीं आ रही है। जबकि इसी तरह के मामले में पड़ोसी कोरबा जिले के एक पावर प्लांट को सवा तीन करोड़ रुपये की जुर्माना किया गया है। शिकायत कर्ता हरि अग्रवाल और दीनदयाल यादव का कहना है कि शासन को गुमराह करके भूजल दोहन करके अमझर पॉवर प्लांट के द्वारा विजली बनाने शिकायत सही पाए जाने के बाद नियमानुसार पेनाल्टी की मांग को लेकर राज्यपाल और केंद्रीय भूजल बोर्ड दिल्ली को अवगत कराने की बात कही है। शिकायत कर्ताओं ने बताया कि शासन प्रशासन यदि मामले में ठोस कदम नहीं उठाती है तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
आज भी सीएसपीएल में आधा दर्जन से अधिक ट्यूबवेल चालू। भूजल दोहन मामले में शासन की ओर से आधी अधूरी कार्यवाही से फैक्ट्री के संचालक के हौसले बुलंद हैं। आज भी फैक्ट्री परिसर में करीब आधा दर्जन से अधिक ट्यूबवेल चल रही है। जबकि भूजल दोहन कर बिजली तैयार करना इस कृत्य को शासन ने अपराध करार दिया है। यहाँ पर अपराध शिद्ध होने के बाद भी जिस तरीके से कार्यवाही होना चाहिए। वह नहीं किया गया। ज्ञात हो कि फैक्ट्री के मालिक अपने आप को कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस सरकार का आदमी बताते हैं।











