जांजगीर चांपा

किसी भगवत प्रेमी के दिल में दर्द या हृदय में पीड़ा उठने से अवतार लेते है भगवान : सविता गोस्वामी।

@ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर–चांपा।

भाग्य केवल पशु का होता है मनुष्य का नहीं होता।

 

स्वर्णकार समाज समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ कथा सप्ताह की पंचम दिवस कथा संपन्न

 

भगवान अवतार लेते है जन्म नहीं होता। सामान्य मनुष्य जन्म लेता है लेकिन भगवान अवतार लेते हैं प्रकट होते हैं। भय प्रकट कृपाला दिन दयाला। अवतार का शाब्दिक अर्थ अब तारने आया है। एक रूप से भगवान हम सब के भीतर प्रकट होते हैं। भगवान मनुष्य के अंग-संग रहते हैं। मनुष्य को धन, स्वास्थ्य, शिक्षा किसी भी जीवन यापन की चीजों की आवश्यकता पड़ती है तो भगवान को याद करते है और भगवान किसी भी तरह से उसकी मदद कर देते है। वही बोलना, वही सुनना, वहीं कहना जो आप चाहते है भुल से मजाक में भी वह नहीं कहना जो आप नहीं चाहते हैं क्योंकि भगवान कभी ना कभी सुन लेते हैं। भाग्य केवल पशु का होता है मनुष्य का नहीं होता। परमात्मा सब तरफ है, हमारे भीतर परमात्मा है उसे प्रकट करने की आवश्यकता होती है। भगवान अवतार लेते हैं और अवतार का अर्थ होता है उपर से नीचे आना।

बैकुंठ में निवासी करने वाले ब्रजवासियों की प्रार्थना सुन करके गोकुल वासियों के बीच में आए। मथुरा में जन्म लिया और कहा नंद बाबा मुझे गोकुल छोड़ आओ। गोकुल दो शब्दों से बना है गो का अर्थ है इंद्रिय और कुल का अर्थ है समस्त। जिस हृदय का स्वभाव है आनंद में रहने का और देने का उस हृदय में भगवान स्वयं अवतरित हो जाते हैं। कथा के पंचम दिवस भागवताचार्य सविता गोस्वामी द्वारा श्री कृष्ण बाल लीला, गोवर्धन पूजा की कथा का वाचन किया गया।

व्यासपीठ में अपनी रसमयी ओजस्वी वाणी द्वारा पूज्य दीदी सविता गोस्वामी जी (वाराणसी) द्वारा भक्तजनों को कथा का मधुर रसपान कराया जा रहा है। समाज के लोगों ने सभी भक्तजनों से आग्रह किया है वे प्रतिदिन कथा रसपान कर अपने जीवन को अनुग्रहित करें।

 

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