
जिला प्रशासन की बड़ी कार्यवाही – लाइवलीहुड कॉलेज में बायोमैट्रिक उपस्थिति घोटाले का खुलासा कलेक्टर ने किया मयंक और ऋचा का सेवा समाप्
जांजगीर-चांपा जिले में शिक्षा और प्रशिक्षण से जुड़ी एक बड़ी अनियमितता का पर्दाफाश हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा की गई जांच में लाइवलीहुड कॉलेज में बायोमैट्रिक उपस्थिति घोटाले का मामला सामने आया। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि यहां पर छात्रों की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए फिंगरप्रिंट क्लोनिंग की जा रही थी।जिला कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कड़ा कदम उठाया है। जांच में दोषी पाए गए सहायक संचालक मयंक शुक्ला और लेखापाल ऋचा अग्रवाल की सेवाएं संविदा नियुक्ति नियम 2012 के तहत तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गईं।कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के बाद दोनों अधिकारी अब अपने पद पर कार्यरत नहीं रहेंगे। प्रशासन ने साफ किया है कि छात्रों की उपस्थिति से खिलवाड़ और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।मामले के सामने आने के बाद जिलेभर के शैक्षणिक और प्रशिक्षण संस्थानों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले के कारण न केवल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हुई, बल्कि शासन की योजनाओं पर भी सवाल उठे।प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जांच आगे भी जारी रहेगी और यदि भविष्य में किसी अन्य कर्मचारी या अधिकारी की भूमिका सामने आती है तो उन पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।इस कार्रवाई से जिला प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं में लिप्त किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।