दीपक तिवारी “सामाजिक विभूति सम्मान”2023 से नवाजा गया।
युवा दीपक16वर्ष की आयु में ही कर चुके हैं मरणोपरांत अपनी दोनों आंखों की दान।

@ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर–चांपा।
छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ जिला इकाई जांजगीर चांपा के बैनर तले सामाजिक विभूति 2023 से सम्मानित किया गया है
सामाजिक कार्यकर्त्ता दीपक तिवारी लेखक भी हैं जो लॉकडाउन के समय को लोकहित में लगाते हुए बेटी सुरक्षा पर लिखी 200 पेज की “अनमोल बेटियाँ”पुस्तक ।
यह पुस्तक बेटी शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान,समानता,और कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम पर आधारित है।
दीपक को स्वयं के जेब खर्च से पैसा लगाकर जागरूकता अभियान चलाते 15 वर्ष से अधिक हुए। अबतक एक पैसा किसी से आर्थिक सहायता इस जागरूकता अभियान के लिए नही लिया है। पक्षी-पर्यावरण संरक्षण व बेटी शिक्षा,सुरक्षा,कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम पर पुस्तक लिखने पर दीपक तिवारी को मिला “सामाजिक विभूति सम्मान ” 2023 । दीपक ने बेटी शिक्षा ,सुरक्षा,सम्मान समानता और कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम पर “अनमोल बेटियाँ” पुस्तक लिखा है । दीपक तिवारी ने लोकहित, जीवहित, सेवा, त्याग को और निष्ठा के भावना से लबरेज कर्म को ही अपने जीवन का उद्देश्य मानकर समाज सेवा के प्रति अपना पूरा जीवन समर्पित किया है।
जांजगीर चाम्पा जिले के तिलई के दीपक तिवारी ने विगत 15 वर्षों से पक्षी पर्यावरण संरक्षण व बेटी सुरक्षा पर समाज को जागरूक करने का काम खुद के खर्चे पर कर रहे हैं।
मासूम परिन्दो के लिए दाना पानी की व्यवस्था कर जिले के समाज सेवी के रूप मे अपना अलग पहचान बनाया है । जिसके लिए चाम्पा स्थित रंगमहल मे बेटी सुरक्षा पर पुस्तक लिखने व परिन्दो के लिए सकोरो की व्यवस्था करने वाले तिलई के दीपक तिवारी को सामाजिक विभूति सम्मान से सम्मानित किया गया है ।
दीपक ने खुद के हाथो से निर्मित 6000 से अधिक कलरफुल घोसलों का निःशुल्क वितरण किया ।
दीपक ने पक्षियों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए,लकड़ी के कलरफुल घोसले अपने हाथों से बनाये और पेडों पर घर की छतों लगाए ,जिससे पंक्षी इसमें सुरक्षित रह सकें और हवा तूफान में किसी भी प्रकार की असुरक्षा इनके घोसला पर न बना रहे व धूप ठंड बारिश से भी इन्हें राहत मिले, इसी सोच के साथ दीपक ने 6000 हजार से अधिक घोसले लोगों में बाटे और 2500 से अधिक घोसलों को पेड़ो पर बांधा था जिसमे चिड़िया अपना घोसला भी बनाती हैं। साथ ही दीपक ने पंक्षी- पर्यावरण संरक्षण पर अभियान चलाते हुए 2000 से अधिक मिटटी के सकोरों को पेड़ो पर गर्मी में पक्षियों को भूख प्यास से बचाने के लिए बांधे थे । और प्रत्येक गर्मी में लोगों को जागरूक करने हजारों की संख्या में निःशुल्क मिटटी के सकोरे ,दाने का पैकेट और लकड़ी का कलरफुल घोसला , जरूरतमंद बच्चों को सामग्री दीपक अनवरत बाटते आ रहे हैं ।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दीपक के कार्यों से बेहद प्रभावित हुए और कहा –
मैं दीपक तिवारी के निश्वार्थ लोकहित व जीवहित के प्रत्येक कार्यो से व्यक्तिगत रूप से बेहद प्रभावित हूँ ।
दीपक के कार्य मानवता को करते हैं परिभाषित। समाज को दीपक से प्रेरणा लेकर समाज के लिए कार्य करने की आवयश्कता है । दरअसल यह बात रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री के निवास में दीपक के लिखे “अनमोल बेटियां” पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कही थी।
यह अभियान इसलिए भी है प्रशंसनीय।
हमे अक्सर देखने व सुनने को मिलता है कि सामान्य तौर पर किसी अभियान का संचालन और जागरूकता पर निःशुल्क सामान का वितरण सहित सारा खर्च 10 – 20 एनजीओ के सदस्य मिलकर या बाहरी चंदा वसूली से पैसे व्यवस्था कर अभियान चलाते है । लेकिन दीपक तिवारी ने अभीतक इन 15 वर्षों में समाज सेवा के कार्य के नाम पर एक पैसा भी किसी से नही मांगा है। और खुद के खर्च पर निश्वार्थ लोकहित और जीवहित में 15 वर्षों से लगे हुए हैं। दीपक कहते है जितना मुझसे हो सके मैं हमेशा दूसरों के लिए सेवाभाव से समर्पित होकर कार्य करता रहूँगा । और मैं समाज के प्रत्येक लोगों से हाथ जोड़कर इस लोकहित व जीवहित के कार्य को करने का निवेदन करता हूँ।
स्वयं के खर्च पर 15 वर्षों तक निश्वार्थ सेवा के लिए दीपक को मिले दर्जनों सम्मान ।
जीवहित , लोकहित, व पर्यावरण हित में निश्वार्थ कार्य कर दीपक तिवारी – “यूथ आईकन सम्मान” , “लोकहित लेखक-सम्मान” , अंग्रेजी विषय पर “उच्च शिक्षक सम्मान”, ” विशेष समाज सेवक सम्मान”, “सामाजिक विभूति सम्मान”, सहित समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में दर्जनों सम्मान से अबतक सम्मानित हो चूके हैं ।
दीपक इस जागरूकता अभियान का प्रदेशस्तर पर हो रहा प्रचार प्रसार।
दीपक का अभियान तिलई या जांजगीर जिले तक ही सीमित नही है बल्कि जिला ही नही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लोगों जागरूक करने निःशुल्क समानों का वितरण दीपक कर चुके हैं जो अभी तक अनवरत जारी है।
इसके अलावा दीपक ने बेटीयों के भी सुरक्षा व सम्मान पर बहुत सराहनीय कार्य किया है। बेटी शिक्षा ,सुरक्षा ,सुरक्षा, सम्मान पर भी आमजन को जागरूक कर रहे हैं। लॉक डाउन में जब सब अपना समय अलग अलग कार्य में लगा रहे थे तभी उन्होंने अपना सारा समय समाज को जागरूक करने में और बालिका सुरक्षा पर लगाया। बालिका संरक्षण पर पुस्तक भी लिखा था। और पुस्तक का विमोचन पूर्व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ डॉ रमन सिंह ने किया था। समाजिक जागरूकता महिला शसक्तीकरण को बढ़ावा देने का कार्य भी वे लगातार कर रहे हैं ।
पंक्षी-पर्यावरण संरक्षण और जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क सामग्री का वितरण व महिलाओं को साक्षर बनाकर उनकी सुरक्षा का कार्य करते आ रहे हैं । समाज में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के खिलाफ कदम उठाते हुए दीपक ने उनके हक और अधिकारों को शब्दों के जरिए अपने लिखे पुस्तक में उकेरा और बेटी शिक्षा ,सुरक्षा ,सम्मान और कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम पर पुस्तक लिखा है ।
दीपक ने नेचुरल तरीके से बरगद के सूखे पत्तों से घर के छत में बनाया पंछियो के लिए छायादार घोसला अंदर शीतल दाने व पानी की व्यवस्था । 30 फिट लंबा छायादार घोसला बरगद के सूखे पत्ते, जुट के बोरे, स्टील के तार , कील,लकड़ी के बत्ते से बना मजबूत घोसला है।
जमीनी स्तर पर कई वर्षों से पंक्षी-पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेशस्तर पर चल रहा जागरूकता अभियान।दीपक खुद गांव -गांव जाकर लोगों को करते हैं जागरूक।
प्रत्येक लोगों को जागरूक कर प्रेरित करने व जोड़ने निःशुल्क मिट्टी के बर्तन,लकड़ी के घोसले व संरक्षण की गाइडलाइन वाली पाम्पलेट का वितरण करते हैं। उन्होंने बरगद के सूखे पत्ते, जुट के बोरे, स्टील के तार , कील,लकड़ी के बत्ते से पंछियों के दाना – पानी के लिए आकर्षण व्यवस्था की है और छत के ऊपर धूप से बचाने छायादार घोसला बनाया है। 30 फिट लंबे इस घोसले के अंदर एकसाथ मिट्टी के सैकड़ो मिट्टी के बर्तन छाया में रखने की व्यवस्था है।












