अपना पराया के खेल में सरकार के खिलाफ अब तक कमजोर पड़ रहा पंचायत सचिव संगठन को कामयाबी पाने अनुशासित रहकर रणनीति बनाने की होगी जरूरत।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज़ ,जांजगीर चांपा।
ग्राम पंचायत सचिव संघ अपने जायज और बेबुनियाद एक सूत्रीय मांग शासकीय करण को लेकर सरकार के खिलाफ 16 मार्च से आनन-फानन में अनिश्चित कालीन हड़ताल में बैठने का निर्णय लिया जो अभी तक कारगार साबित नहीं हो पाया है इसका मुख्य कारण है संगठन में अनुशासन की कमी जो संगठन 2020 के अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिस तरह सरकार पंचायत सचिव के सामने प्रशासन और सरकार घुटने टेकने मजबूर हो गए थे इस बार के हड़ताल में अब तक देखने को नहीं मिल पाया है जिस तरह लगातार अलग-अलग गतिविधियों से सरकार के खिलाफ अपनी जायज मांग को याद दिलाने हड़तालीयो विधिवत सुनीयोजित कार्यक्रम को अंजाम दिया था जिसके वजह से सरकार ने पूरी प्रशासन को पंचायत सचिव संगठन को समझाने की कवायद कर झांसे में लेने आखिरकार कामयाब हो गए और बिना मांग के पंचायत सचिव संगठन को केवल मौखिक आश्वासन के साथ वापस काम में लौट गए जिसके बाद भारी उत्साह से भरे पंचायत सचिव ने सरकार के सभी मुख्य योजनाओं में खूब मेहनत किए और राष्ट्रीय स्तर में पुरस्कार देने तक पूरा सहयोग सरकार के करते रहे बावजूद अब तक सरकार उन पंचायत सचिव को दरकिनार कर सचिव के साथ छल ही किया लेकिन वर्तमान में पंचायत सचिव के संगठन जिस तरह तितर-बितर हो चुका है इससे सरकार को ही लाभ मिल रहा जिस तरह पंचायत सचिवों द्वारा हड़ताल को आड़ बना जांजगीर-चांपा एवं सक्ती जिला के अधिकतर पंचायत सचिव हंसी मजाक में लेते हुए कई जगह यात्रा कर मस्ती के मूड में है तो वही सचिव संगठन के ब्लॉक अध्यक्षों के लापरवाही से अब तक ब्लॉक स्तर में संगठित और एक नहीं हो पाए वर्षों से पामगढ़ में दो गुटों की परंपरा चली आ रही थी लेकिन वर्तमान में कुछ हद तक पामगढ़ एकजुट दिख रहे हैं तो वही अकलतरा बलौदा डभरा सक्ती भी इस पर सहयोग प्रदान कर रहे हैं मालखरौदा बम्हनीहडीह जैजैपुर जो जैजैपुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले पंचायत के सचिव किसी जनप्रतिनिधि के झांसे में आकर पूरी यात्रा कर मौज मस्ती कर फोटो वायरल करने में ज्यादा विश्वास रख रहे हैं ना हि संगठन और अपनी मांगों पर सीरियस है जिसके कारण संगठन अब तक किसी विशेष छाप नहीं छोड़ पाए। वही नवागढ़ ब्लाक दोनों जिला में सबसे बड़े जनपद होने के कारण अपनी अग्रणी सहभागिता से समूचे छत्तीसगढ़ में अविभाजित जांजगीर-चांपा जिला अपना एक अलग छाप छोड़ी थी लेकिन वर्तमान समय में संगठन की चूक और लापरवाही भारी पड़ रही है जिस तरह नवागढ़ जनपद में नाकामी साफ दिखी और आपसी मनमुटाव के कारण दो गुटों में बंटने के स्थिति बनी है उसका मुख्य कारण है अनुशासन जो सबसे ज्यादा नवागढ़ ब्लाक में ही अपना पराया सबसे ज्यादा हावी दिख रहा है। अब तक जांजगीर-चांपा जिला के सबसे बड़े ब्लॉक के बावजूद भी पंचायत सचिव के हड़ताली उपस्थिति ना के बराबर ही दिखा है जिसकी रिपोर्ट प्रशासन से लेकर सरकार तक पहुंच रही है।
पूर्व में जिस तरह जिला अध्यक्ष ने संगठन में अनुशासन बनाए रखने के लिए हड़ताली सचिव की लगातार अनुपस्थित रहने वालों के लिए नोटिस निकालकर चेतावनी दिया गया था उसका अब तक असर नहीं हो पाया और संगठन अब तक लापरवाह सचिव पर कार्यवाही करने के बजाए हाथ में हाथ में धरे बैठे है जबकि वर्तमान स्थिति में आर-पार की लड़ाई सरकार के साथ चल रही है जिसमें सचिव संगठन को अनुशासित होने की जरूरत है देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में सरकार के खिलाफ अपनी जंग सचिव साथियों आपस में मिलकर किस तरह लड़कर कामयाब होगी।












