जांजगीर चांपा

एसपी की साख पर सवाल: थाने में चहेते पत्रकारों संग पुलिस की सांठगांठ, वसूली और प्रेस विज्ञप्ति में भेदभाव के आरोप।

जांजगीर-चांपा जिले के थानों में पदस्थ कुछ पुलिसकर्मियों की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक थाना स्तर पर होने वाली गुप्त कार्यवाहियों की जानकारी कुछ चहेते पत्रकारों तक पहुंचाई जा रही है। आरोप है कि इन पत्रकारों और पुलिस कर्मियों की आपसी सांठगांठ से वसूली का खेल चलता है। सेटिंग न होने पर कार्यवाही की आड़ में दबाव बनाया जाता है।इतना ही नहीं, पुलिस की ओर से अधिकृत रूप से मीडिया को दी जाने वाली प्रेस विज्ञप्तियों में भी भेदभाव की बात सामने आई है। बताया जाता है कि पुलिस PRO प्रभारी पहले अपने चहेते पत्रकारों को पब्लिसिटी दिलाने और उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए खबर पब्लिश कराते हैं, इसके बाद कई घंटों की देरी से अन्य मीडिया संस्थानों को विज्ञप्ति जारी की जाती है।इस तरह की कार्यशैली से अन्य पत्रकारों को न केवल नुकसान उठाना पड़ रहा है, बल्कि उनकी साख पर भी असर पड़ रहा है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पत्रकारों में भेदभाव कर पुलिस विभाग स्वयं अपनी पारदर्शिता और एसपी विजय पाण्डेय की साख पर बट्टा लगा रहा है?

 

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