जांजगीर चांपा

सारागांव में दीपावली पर फिर गूंजेगा “खड़खड़िया”? – क्या इस बार भी खुलेआम चलेगा जुआ!

 

सारागांव में दीपावली पर फिर गूंजेगा “खड़खड़िया”? – क्या इस बार भी खुलेआम चलेगा जुआ!

 

सारागांव दीपावली का पर्व नजदीक आते ही सारागांव क्षेत्र में एक बार फिर “खड़खड़िया” नाम से कुख्यात जुए के अड्डे की चर्चा तेज हो गई है। हर साल की तरह इस बार भी गांव और आसपास के इलाकों में जुआ-सट्टा संचालन की संभावनाएँ जताई जा रही हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से दीपावली के दौरान सारागांव में “खड़खड़िया” नाम से खुलेआम जुआ चलता है। ताश की गड्डियाँ रातभर फड़फड़ाती हैं और कई लोग अपनी मेहनत की कमाई हार कर बर्बाद हो जाते हैं। जुआ कानूनन अपराध है, फिर भी पुलिस हर बार महज औपचारिक कार्रवाई कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेती है।दीपावली अब कुछ ही दिनों की दूरी पर है, ऐसे में गांव के चौक-चौराहों पर फिर “खड़खड़िया” को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। ग्रामीणों का सवाल है — “अगर कानून सबके लिए समान है, तो दीपावली के नाम पर यह अवैध जुआ हर साल क्यों चलता है?”बताया जा रहा है कि हाल ही में सारागांव थाना क्षेत्र में नए थाना प्रभारी ने पदभार संभाला है। अब लोगों की निगाहें पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं — क्या इस बार भी दीपावली में तीनों दिन खुलेआम “खड़खड़िया” चलेगा या प्रशासन इस पर शिकंजा कसेगा?

थाना प्रभारी सुभाष चौबे ने बताया, “पूर्व में ऐसी गतिविधियाँ चल रही होंगी, लेकिन इस बार पुलिस की पैनी नजर है। यदि कहीं भी जुआ-सट्टा या ‘खड़खड़िया’ का खेल होगा, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

त्योहार का माहौल धार्मिक और सामाजिक सौहार्द से भरा रहे, न कि अवैध गतिविधियों से — यह जिम्मेदारी अब प्रशासन और समाज दोनों की बनती है।

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