फिर प्रजातंत्र के नाम पर ये नेता दे जाएंगे एक नया घाव, लो आने वाला है चुनाव..!

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज़ ,जांजगीर चांपा।
आपराधिक मानहानि केस में राहुल गांधी को सजा होते ही 24 घण्टे के अंदर लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता रद्द करने का आदेश जारी कर दिया, यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है।
इसी सिलसिले में चर्चा करने, हम पहुँचे जांजगीर के महाकाली आश्रम, हमने बात की स्वामी सुरेन्द्र नाथ जी से, जो बातचीत के अंश-चुनाव…!!
सबसे पहले तो मैं आपको बता दूं कि मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं, ना हो मैं किसी पार्टी का पक्षधर हूँ ना विरोधी, मैं जनता का सेवक हूँ और माता का भक्त हूँ जहां तक बात राहुल गांधी की है, तो एक ही शब्द में इसका जवाब दे पाना कठिन है। जिस तीव्र न्यायिक प्रक्रिया से राहुल गांधी के खिलाफ जजमेंट आया है, यदि इसी तत्परता से मामलों पर भी निर्णय आने लगता, तो ना जाने कितनी निर्दोष।
सामने अपनी सशक्त नेता की छवि स्थापित कर सकते हैं।
अधीन है, ये मैं नहीं कह रहा मिलेगा.. ?
प्रश्न- हाल ही में राहुल गांधी के संसद की सदस्यता खत्म कर दी गई, स्वामी जी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस स्वामी जी देखिये भारतीय कर देता है, तो वह अपनी सोट सूर्पनखा ये चलते रहता है। जमीन से उठे व्यक्ति है, इसलिए आपका इस पे क्या कहना हीं है..?
जहाँ तक बात है, उनकी सदस्यता रद्द करने को है, तो यह निर्णय भी संविधान के प्रावधानों के तहत लिया जाना चाहिए था, अनुच्छेद 103 (1) में स्पष्ट प्रावधान है कि सदस्यता रह करने का आदेश चुनाव आयोग की सलाह से, राष्ट्रपति लेते हैं, लेकिन इस मामले में ऐसा होता दिखा नहीं, तो तकनीकी कमियां हैं, जिसे राहुल गांधी को कानूनी लड़ना पड़ेगा।
जिस लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा उच्च न्यायालय में अपील दायर 2013 में ‘लिली थॉमस बनाम
बी. एन. खरे जी का स्टेटमेंट है। दंड संहिता (आईपीसी) को धारा पर बना रह सकता है, लेकिन प्रश्न- स्वामी जी आप न सिर्फ मेरे लिए, देश के प्रत्येक मानते हैं कि राहुल गांधी के व्यक्ति के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, मेरे दविपेच के माध्यम से की गई साधारण कारावास का प्रावधान यूनियन ऑफ इंडिया’ के मामले साथ अन्याय हुआ है..? लिए वे आदर्श व्यक्ति हैं।
राहुल गांधी पर न्यायिक 500 में मानहानि के लिए।
स्वामी जी- हँसते हुए क्या ना होगा देश की जनता का… क्या कार्यवाही है, लेकिन बच्चा भी है, जिसकी अवधि दो वर्ष तक में सर्वोच्च न्यायालय ने इस धारा स्वामी जी मेरा मानना युवाओं के चहेते, माँ काली होगा देश का कल ?
क्योंकि आने वाला है गांधी का राजनीतिक कैरियर दांव अधिकतम सीमा का निर्णय पलटने और धारा 8(4) को इस निर्णय को किस रूप में लिया और तथ्यों के साथ उन्होंने अपनी चुनाव…!!
फिर जनता उगी जाएगी, गांधी के पाले में है, चूक जाएं या जाए, जो राहुल गांधी के मामले अध्यादेश जारी किया था, लेकिन चलता है, कानून सभी के लिए है, समय नजदीक आने वाले हैं, प्रजातंत्र के नाम पर ये नेता, दे वे चाहें तो इसे एक अवसर के दिया गया है। माननीय न्यायालय राहुल गांधी ने ही अध्यादेश को राजनीति में जितना सत्ता पक्ष का सरगर्मियां बढ़ रही हैं, अब देखना न जायेंगे एक नया घाव…! रूप में उपयोग करें, और अपनी के निर्णय पर मैं कोई टिप्पणी पूरी तरह बकवास कहा था मजबूत होना जरूरी है. विपक्ष का होगा कि ऊंट किस करवट बैठता लें क्योंकि आने वाला है पुरानी छवि को तोड़कर देश के नहीं करना चाहता।
समझ सकता है कि, दरअसल ये सजा या जुर्माना या दोनों ऐसा को असंवैधानिक ठहरा कर महत्वपूर्ण नहीं है, जनता क्या के परम् भक्त, नवयुगीन सन्त विस्तार से बात की, बेबाकी से पर लग गया है, अब गेंद राहुल माननीय न्यायालय द्वारा दिया बनाए रखने के लिए एक है, देश संविधान के अनुसार बात रखी, देश में चुनाव का
सार्वजनिक रूप से फाड़ दिया था, जिसे बाद में सरकार ने वापस ले लिया था, मेरी समझ से ये कानून यदि बनकर लागू हो जाता तो निश्चय ही आज राहुल जी के लिए एक सहूलियत होती।
बिहारी वाजपेयी जी ने कहा है- जहां विरोध और विरोधियों को गद्दार मानने का भाव है वहां लोकतंत्र समाप्त होता है और तानाशाहो का उदय होता है। लोकतंत्र इस देश की खासियत है, यह देश अपने मूल्यों के लिए जाना जाता है, और भ्रष्टाचार होगा इससे इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन आज न्यायापालिका पर जनता की मुझे उम्मीद है राहुल गांधी की मुश्किलें न्यायापालिका ही दूर
खैर, ये सब कोई नया नहीं है, जिसके पास सत्ता होती है, वो समस्त शक्तियों को अपने वश में रखना चाहता है, इतिहास को खासियत है, वो स्वयं को कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा द्वारा दिए गए फैसले के कारण ही करेगी। चोर कह देता है, कोई किसी को
देश में 4 करोड़ से ऊपर लोबत नवयुगीन सन्त स्वामी प्रक्रियाओं के माध्यम से ही दोहराता है, जैसे माना जाता है, आस्था और विश्वास बना हुआ है। सुरेन्द्र नाथ
अक्सर न सिर्फ आध्यत्मिक गरीब जनता का जीवन बर्बाद।
में बल्कि जनता के सामाजिक होने से बच जाता, फिर भी
8(3) के तहत राहुल जी पर 25 जून 1975 को भारत में प्रश्न- स्वामी जी आप कार्यवाही की गई है, उसकी धारा आपातकाल लागू किया गया था। मोदी जी के बारे में क्या कहना
बने आर्थिक, राजनतिक मुद्दों पर भारत में आज भी आम प्रश्न- स्वामी जी राहुल 8(4) में यह भी प्रावधान था, कि राजनीति है, यहाँ कब क्या हो चाहेंगे… ?. अपनी राय रखते हैं, स्वामी जी से जनता न्यायालय पर भरोसा करती गांधी पर इस त्वरित कार्यवाही यदि दोषी सदस्य निचली जाए कहा नहीं जा सकता, स्वामी जी आप मुझे है, लेकिन यथार्थ यही है कि में क्या कोई चूक हुई है, अदालत के इस आदेश के प्रजातन्त्र में आरोप-प्रत्यारोप राजनीतिक प्रश्नों में उलझा रहे हैं, न्याय भी शक्ति और धन के जिसका फायदा राहुल को खिलाफ तीन महीने के भीतर लगते रहते हैं, कोई किसी को मोदी जो देश के प्रधानमंत्री हैं,
हम सबके सम्माननीय हैं, वे
की कुछ लोग चलने लगे हैं कार्यवाही नहीं बल्कि राजनीतिक मानहानि के केस में विरले ही निरस्त कर दिया था। मानती है, ये महत्वपूर्ण है और स्वामी सुरेन्द्र नाथ से हमने अपने दांव..
बुरा प्रहार है, इस कार्यवाही से राहुल देखने को मिलता है, कि दंड की यूपीए सरकार ने फैसले को समय ही बताएगा कि जनता ने अध्यादेश की एक प्रति को भी होना आवश्यक है। अटल है..












