PM आवास पैरालिसिस पीड़ित हितग्राही को बैंक से नहीं मिला पैसा, शाखा प्रबंधक की बेरुखी उजागर।

जांजगीर-चांपा के ग्रामीण बैंक नैला में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। पीएम आवास पैरालिसिस से पीड़ित हितग्राही महिला हितग्राही जब अपने खाते से पैसा निकालने पहुंची तो बैंक प्रबंधक ने साफ तौर पर राशि देने से इनकार कर दिया।हितग्राही की स्थिति को देखते हुए उनके साथ पुत्र गोपीचंद कुर्रे, जो खाते के नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) भी हैं, बैंक पहुंचे थे। सभी दस्तावेज और प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद बैंक शाखा प्रबंधक प्रजापति का रवैया बेहद अमानवीय रहा।पीड़िता लगातार तीन घंटे तक बैंक के सामने अपनी गाड़ी में बैठी रहीं, लेकिन बैंक प्रबंधन का दिल नहीं पसीजा। उल्टा जब उनके पुत्र और सहयोगी ने सवाल उठाया तो उन्हें एफआईआर की धमकी दी गई।

जब हितग्राही को पैसा देने से मना किया गया तो प्रबंधक ने कहा – “जहां जाना है जाओ”, जिससे जाहिर होता है कि बैंक कर्मचारी न तो नियमों का पालन कर रहे हैं और न ही इंसानियत का।इससे भी चौंकाने वाली बात यह रही कि पहले हितग्राही से कहा गया था कि “हम घर आकर पैसे दे देंगे”, लेकिन वह वादा भी पूरी तरह खोखला निकला।
क्या ऐसे रवैये के साथ बैंक से आम जनता को कोई सेवा मिल पाएगी? खासकर जब एक महिला जो चलने-फिरने में असमर्थ है, उसका भी शोषण किया जा रहा है। अब देखना होगा कि क्या इस मनमानी पर प्रशासन सख्त कदम उठाता है या नहीं।












