जांजगीर चांपा

डेढ़ वर्ष बीत गया लेकीन ठेकेदार नही कर सके कार्य को पूरा,जिम्मेदार बने हुए मूकदर्शक।

@ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर–चांपा।

बदहाली! सड़क निर्माण कार्य के तय तिथि के डेढ़ साल बाद भी पूरा नही

बदहाल सड़क राहगीरों के लिए बनी परेशानी का सबब

सरवानी ____ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत ग्राम चोरिया से संजयग्राम तक सड़क बनाया गया जिसमें लगभग 8 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण का कार्य 5 करोड़ 75 लाख रुपए की लागत राशि से होना प्रस्तावित था सड़क निर्माण जिसका कार्य प्रारंभ की तिथि 03 जून 2020 से प्रारंभ किया गया था जिसका निर्माण कार्य पूर्ण करने की अवधि 12 माह थी पर विडंबना है कि इस सड़क का निर्माण कार्य को तय तिथि के लगभग डेढ़ साल बाद भी आजतक पूरा नहीं किया कराया जा सका है चोरिया से संजय ग्राम के बीच इस सड़क निर्माण कार्य जो आधी दूरी से अधूरा छोड़ दिया गया है लगभग 1 से डेढ़ किलोमीटर की दूरी को सिर्फ मिट्टी और बेस डालकर बिना डामरीकरण किए बगैर अधूरा छोड़ दिया गया है आलम ये है कि सड़क पर निकली हुई नुकीली गिट्टी से वाहनों के टायर फट जा रहे है जिससे हादसों का अंदेशा बना रहता है वही अब सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे बन रहे है जिससे परिवार के साथ सफर करने वालों राहगीरों के साथ बाइक के असंतुलन के कारण हादसे हो चुके है वही छोटी छोटी हादसे रोजाना हो रहे है इसके साथ ही राहगीरों के लिए बिना डामरीकरण के कारण सबसे बड़ी समस्या सड़क से उड़ने वाले धूल और प्रदूषण है जो यात्रा को कष्टदायी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है धूल भरे गुब्बारे से बाइक चालकों को हादसे का डर अपने परिवार के साथ यात्रा के समय हमेशा बना रहता है जो इस रूट से सफर करने वाले राहगीरों के लिए वर्तमान मे सबसे बड़ी समस्या बन गयी है पर अभी तक सड़क निर्माण को पूर्ण कराने जिम्मेदारों को कोई सरोकार नहीं है जिससे क्षेत्र के आमजन लोगों का शासकीय निर्माण कार्यों की कार्यप्रणाली और जिम्मेदारों से भरोसा खत्म हो रहा है

दर्जनों जगहों को एक साथ जोड़ती है यह मुख्य मार्ग रोजाना सैकड़ों लोग करते है आवागमन

चोरिया से संजय ग्राम के बीच करोड़ों की लागत से बनने वाली निर्माणाधीन सड़क क्षेत्र के सबसे व्यस्त रूट में से एक है जहा से रोजाना सैकड़ों लोग आवागमन करते हैं यह रूट जैजैपुर से लखाली सरवानी से चोरिया सारागांव बाराद्वार सहित दर्जनों गावों को एक साथ जोड़ती हैं वही जिला मुख्यालय जांजगीर और चाम्पा आवागमन के लिए यह सबसे व्यस्त रूट है हैं जहां से रोजाना रोजमर्रा की काम काज करने वाले प्लांट के मजदूर शासकीय कर्मचारी, नियमित स्कूल कॉलेज जाने वाले अध्ययनरत विद्यार्थियों सहित सैकड़ों लोग रोजाना आवागमन करते है जो आधी अधूरी सड़क की बदहाली से परेशान है और धूल और प्रदूषण के साथ आवागमन करने मजबूर है

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