छत्तीसगढ़ में सभी कलेक्टरों को निजी स्कीलों (Private Schools) पर मनमानी फीस वसूलने के खिलाफ कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश दिए है।

जाज्वल्य न्यूज़::छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के निजी स्कूलों (Private Schools) में अभिभावकों से मनमानी फीस पर रोक लगाने के लिए जिला स्तर पर फीस विनियमन समितियों का गठन किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं. राज्य शासन ने निजी स्कीलों पर मनमानी फीस वसूलने के खिलाफ कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश दिए है.
स्कूल शिक्षा विभाग का सभी कलेक्टरों को पत्र
दरअसल, पिछले 2 साल से निजी स्कूलों में जरूरत से ज्यादा फीस वसूलने का गंभीर आरोप लगा है. मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था. कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन होने के बावजूद ऑफलाइन की तरह फीस लेने के आरोप लगाए गए थे. इसी को ध्यान रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने नए सत्र के पहले ही निर्देश जारी कर दिया है.
फीस बढ़ने से अभिभावक परेशान
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने कलेक्टरों से कहा कि वो अपने जिले के सभी निजी स्कूलों के फीस के संबंध में जानकारी प्राप्त करके अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई करें, जिससे निजी स्कूल अनियंत्रित तरीके से फीस ना बढ़ाएं. इसके लिए छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. फीस बढ़ने की वजह से अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

8 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं कर सकते निजी स्कूल
कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि जानकारी मिली है कि अशासकीय विद्यालयों की तरफ से अधिनियम के प्रावधानों का पालन किए बिना अपनी फीस में असाधारण रूप से वृद्धि की गई है, जिसके कारण अभिभावकों को कठिनाई का समाना करना पड़ रहा है. आलोक शुक्ला ने जिला कलेक्टरों को अधिनियम की धारा 10 की उपधारा 8 की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि इसमें ये प्रावधान है कि विद्यालय फीस समिति द्वारा एक बार में अधिकतम 8 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है. इससे अधिक फीस की वृद्धि करने के लिए विद्यालय फीस समिति को अपना प्रस्ताव जिला फीस समिति के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।












