कोणार्क महाविद्यालय में हुऐ अनियमितता का बंद कमरे में चल रही थी जांच मीडिया के पहुंचते कॉलेज प्रबंधन में हड़कंप मच गईं,विवादों के साए में महाविद्यालय अधर में लटक रहे हैं छात्र-छात्राएं की भविष्य।

@कैलाश कश्यप जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर–चांपा।
जिला भाजपा कार्यालय के पीछे पीथमपुर रोड जोबी खोखसा में लगे कोणार्क कॉलेज में संचालित गतिविधियों को लेकर यूनिवर्सिटी में शिकायत हुई थी जिसको लेकर आज जांच टीम पहुंची वही जिला भर के मीडिया कर्मी कवरेज के लिए पहुंचे तो मेन गेट में ताला लगा हुआ था कॉलेज प्रबंधन कई कर्मचारी को झांक तक करने के लिए भेजा गया और जब मीडिया कर्मी ने जांच के बारे में जानकारी लेना चाह तो कॉलेज में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा कई गोल मोल जवाब सामने आएं। इस बीच मिडिया के भीड़ के सामने पूर्व प्रिंसिपल रेवती पटेल आई उनसे पूछने पर कहा गया कि कॉलेज में बच्चो के लिए वर्कशॉप कार्यक्रम चल रहा है किसी प्रकार की जांच नहीं चल रहा इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। जब पत्रकारों द्वारा प्राचार्य डॉ.समित मंडल से बात करना चाहा तो उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी से जांच टीम आई है वो जांच कर रहे अभी मीडिया से नहीं मिलेंगे। ऐसे घुमावदार जवाब कई तरह के सन्देह को जन्म दिया इस बीच मिडिया के साथियों द्वारा जब जांच टीम से कुछ सवाल किए तो जांच सदस्य आग बबूला हो गए और पत्रकारों के कैमरा छीनते हुऐ जांच में खलल डालने के आरोप लगाते हुए धमकाया जा रहा था और जांच के सम्बन्ध में किसी प्रकार के जानकारी नहीं देना चाहा।


आख़िर क्या है शिकायत
शिकायतकर्ता कमल सिंह यादव ने बताया कि कोणार्क शिक्षा महाविद्यालय के कई अनियमितताओं के संबंध में यूनिवर्सिटी में शिकायत किए गए थे वही जांच टीम और कॉलेज प्रबंधन द्वारा अब तक मुझे जांच के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दिया मुझे पता चला तो मैं यहां आया और मुझे अंदर नहीं जाने नही दिया गया इससे स्पष्ट होता है कि अनियमितताओं को दबाने सभी प्रयास किया जा रहा बच्चे द्वारा मनमाफिक फिश वसूलने की शिकायत है यहां कॉलेज में अध्ययन के लिए पर्याप्त प्राध्यापक के नहीं होने से छात्र-छात्राएं का कोर्स पूर्ण नहीं हो पा रहे तो कागजों में 40 प्राध्यापक की नियुक्ति दिखा रहे जबकि 7 से 8 प्राध्यापकों के भरोसे स्कूल में अध्ययनरत लगभग 450 छात्र छात्राऐं को पढ़ाई कराएं जा रहें हैं वही MEd में 50 छात्र है जबकि उनके लिए क्लास नहीं लगाया जाते हैं और स्टूडेंट को नहीं आने की छूट दे रखी है जिससे मनमाफिक फीस वसूल रहे हैं वही डीएलएड और बीएड में भी कई छात्र-छात्राएं अनुपस्थित रहकर अटेंडेंस के लिए मोटी रकम चढ़ावा में देते हैं। वही एडमिशन के दौरान पत्रिक तो प्रैक्टिकल फीस नहीं लेने की बात होती है और प्रैक्टिकल आते हैं उनसे अतिरिक्त फीस नंबर काटने के भय दिखाकर वसूले जाते हैं। कॉलेज प्रबंधन द्वारा अध्यनरत छात्र-छात्राओं को नंबर कम देने का भय दिखाकर दबाव बनाया जाता है जिससे मामला कभी खुलकर सामने नहीं आ पाता। कॉलेज की बिल्डिंग निर्माण भी संदेह के दायरे में है जो कॉलेज मापदंड के अनुसार नहीं बन पाया हैं जबकि कॉलेज परिसर के कुछ हिस्सा शासकीय जमीन है वही इस तरह के कई मामलों को कॉलेज संचालक दिल्ली में न्यायधीश से संबंध होने दबाव बनाते हुऐ रफादफा करते आए हैं। लगातार विवाद बढ़ने के कारण पिछले 1 वर्षों से रेगुलर प्रिंसिपल दो कॉलेज को दे दिए गए लेकिन आज पर्यंत तक पर्याप्त प्राध्यापक नहीं दिए गए जिससे छात्र-छात्राएं के जीवन भी अधर में लटका हुआ है।


पूर्व में कॉलेज प्रबंधन समिति के बीच विवादों से घिरा रहा कभी पार्टनरशिप को लेकर तो कभी जिम्मेदारियों को लेकर यहां तक कि सालों तक प्रिंसिपल की कुर्सी की भी लड़ाई सहित कई तरह के विवाद लगातार होते आए हैं अब तक विवादों के साए में घिरे हुए हैं कोणार्क महाविद्यालय। यदि जांच पूर्व यूनिवर्सिटी एवं वर्तमान यूनिवर्सिटी निष्पक्ष जांच करें तो कॉलेज के ऊपर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी हो सकता है देखने वाली बात होगी कि कई उच्च अधिकारियों एवं नामी-गिरामी हस्तियों के संबंध जांच टीम से कॉलेज प्रबंधन को बचा लेगी या बड़ी कार्यवाही हो पाएगी।












