जांजगीर चांपा

उद्योग पति के पुत्रों की दबंगई करोड़ो की सरकारी जमीन पर करा रहे अवैध निर्माण।

न्यायालय के वाद भूमि पर स्थगन आदेश की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां।

 

@ओपी राठौर जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की, बम्हनीहडीह जांजगीर–चांपा।

तहसील क्षेत्र बम्हनीडीह अंतर्गत ग्राम पंचायत भवरमाल स्थित करोड़ो की सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है ग्रामीणों का आरोप है चाम्पा के नामी उद्योगपति सज्जन अग्रवाल के पुत्र प्रतीक अग्रवाल निकेत अग्रवाल प्रवीण अग्रवाल द्वारा भवरमाल मार्ग पर स्थिति सरकारी जमीन को कब्जा करने की मंशा से अवैध रूप से अहाता निर्माण कराया जा रहा है उक्त भूमि खसरा नम्बर 5/z पर निर्माण रोकने न्यायालय ने स्थगन आदेश भी जारी कर दिया है बावजूद निर्माण कार्य जारी है ग्रामीणों की माने तो उद्योगपति की पहुँच बड़े बड़े मंत्री एवम नेताओ तक है जिसका धौस दिखाकर मनमाना कार्य कर रहा है । जिसको लेकर ग्रामीणों ने निर्माण पर त्वरित कार्यवाही करने एवम न्यायालय की अवमानना पर अपराध दर्ज करने तहसील कार्यालय बम्हनीडीह गुहार लगाने पहुचते थे जहाँ आर आई से मौका मुआयना कराया जाएगा कहकर वापस लौटा दिया गया वही दूसरी ओर प्रशासन के उदासीन रवैये से ग्रामीणों में रोष ब्याप्त है साथ ही निर्माण पर रोक नही लगने की स्थिति में नियमानुसार चक्का जाम करने की योजना बना रहे है।

 

ग्रामीणों की मांग जिस भूमि पर किया जा रहा कब्जा वहा जनहित एवम सरकारी योजना का हो क्रियान्वयन।

 

ग्राम पंचायत भवरमाल के ग्रामीणों का मानना है खसरा नम्बर 5/z भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है जिस पर न्यायलय ने स्थगन आदेश जारी किया है इस वाद भूमि पर जनहित के कार्य एवम सरकारी योजना का क्रियान्वयन होना चाहिये ताकि उक्त भूमि से ग्रामीण रोजगार एवम शासन की महत्वाकांक्षी योजना को बढ़ावा मिल सके ।

 

उद्योग स्थापित भूमि पर भी फर्जीवाड़े की आशंका . विभाग को करनी चाहिए जांच।

 

सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत भवरमाल मार्ग में चाम्पा के रसुखादर उद्योगपति द्वारा उद्योग स्थापित किया गया है जिस भूमि में उद्योग संचालित हो रहे है वह भी असवैधानिक तरीके से खरीदा गया है ग्राम भवन माल स्थित जिस भूमि के खसरा नंबर पर उद्योग स्थापित है राजस्व विभाग एवं भूमि स्वामी के द्वारा मिलीभगत करते हुए रिकार्डो में कूट रचिना कर शासकीय भूमि को अपने नाम पर चढ़ा लिया गया है एवं उस पर अवैध निर्माण जारी है जानकार की माने तो मिसल रिकॉर्ड एवं अधिकार अभिलेख की सन 1929 एवं 1955 के नकल में स्थापित उद्योग को घास भूमि के रूप में दर्ज किया गया था उक्त भूमि कैसे निजी भूमि स्वामी के रूप दर्ज कर ली गई यह जांच का प्रश्न है ग्रामीणों को आशंका है कि उद्योग स्थापित भूमि को भी अवैध तरीके से खरीदा गया है प्रशासन को स्थापित उद्योग भूमि की भी बारीकी से जांच करनी चाहिए ताकि पारदर्शीता सामने आ सके । इस मामले पर जब हमने तहसीदार बम्हनीडीह एवम एसडीएम चाम्पा से बात करनी चाही तो मौजुदा समय मे फोन रिसीव नही किया गया ।

वेदराम यादव सरपँच भवरमाल ने इस निर्माण कार्य के सम्बन्ध में कहा शासन के आदेशों की अवेहलना करना गलत है इस पर प्रशासन की ओर से त्वरिय कार्यवाही होनी चाहिए।

 

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